प्रदेश में जयपुर, कोटा, उदयपुर व जोधपुर के विश्वविद्यालयों में एमपी एड कराई जाती है। इसमें पश्चिमी राजस्थान में केवल जोधपुर में जेएनवीयू में ही एमपी एड कराई जाती है। इसके अलावा, प्रदेश में निजी संस्थानों में एमपी एड कराई जा रही है, जहां विद्यार्थियों से ७० हजार से १ लाख रुपए तक फीस वसूली जाती है। एेसे में विद्यार्थी इन विश्वविद्यालयों से मास्टर्स की डिग्री लेने में रूचि दिखाते है। जेएनीवीयू सहित अन्य विवि की फीस करीब २० हजार रुपए है।
अब शिफ्ट भी नहीं हो सकते विद्यार्थी
एमपी एड का पहला व तीसरा सेमेस्टर एक साथ होता है। दूसरा व चौथा सेमेस्टर एक साथ होता है। अन्य विश्वविद्यालयों में पहला सेमेस्टर पूरा हो चुका है और तीसरा सेमेस्टर शुरू होने वाला है। स्टूडेन्ट्स के अनुसार जेएनवीयू में कक्षाएं नहीं लगने की स्थिति में यहां के विद्यार्थियों की री-काउंसलिंग करवाकर अन्य विश्वविद्यालयों में शिफ्ट कराया जा सकता था ताकि उनकी पढ़ाई खराब न हो। अब एक सेमेस्टर पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को शिफ्ट भी नहीं किया जा सकता है।
४० सीटें हैं कुल
११ विद्यार्थियों को मिला काउंसलिंग से प्रवेश
२० हजार रुपए स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रम का शुल्क
८ लाख रुपए सालाना आएगा खर्च काउंसलिंग के बाद जेएनवीयू को कुल सीटों की तुलना में कम विद्यार्थी मिले। एेसे में शिक्षकों को दिया जाने वाला करीब ८ लाख रुपए का भुगतान कैसे होगा। रजिस्ट्रार के माध्यम से विद्यार्थियों को दूसरा कॉलेज आवंटित करने या कुल सीटों के हिसाब से विद्यार्थी देने का निवेदन किया, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं हुआ है।
गुलाबसिंह चौहान, कुलपति, जेएनवीयू
डॉ बीएल दायमा, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा, जेएनवीयू
भूपेन्द्रसिंह सांकड़ा, छात्रसंघ अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, जेएनवीयू