पिछले बार ६५ वार्ड हुए थे और करीब ४०० से ज्यादा प्रमुख दावेदार सामने आए थे। लेकिन पिछले साल सरकार ने ६५ से बढ़ाकर पहले वार्ड १०० किए और उसके बाद शहर को दो निगम में बांट कर ८०-८० वार्ड कर दिए। अब कुल १६० वार्ड में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में दावेदारी करने वाले नेताओं की संख्या ८०० से भी ज्यादा हो सकती है।
इस बार महिला टिकट भी ज्यादा बंटने की उम्मीद है। फिलहाल वार्डों की आरक्षण लॉटरी वापस निकलेगी लेकिन एेसा माना जा रहा है महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड के अलावा अन्य वार्ड में भी महिला प्रत्याशी उतारी जा सकती है। कांग्रेस व भाजपा एेसे महिला महापौर चेहरे पर ही फोकस करेंगी।
भाजपा ने बुधवार से ही गतिविधियां शुरू कर दी। लेकिन पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा की सुप्रीम कोर्ट में अपनी की बात सामने आने के बाद कांग्रेस खेमे में ज्यादा सक्रियता नजर नहीं आई। एक माह से भी कम समय में चुनाव आयोग के सामने आरक्षण लॉटरी, नोटिफिकेशन, नामांकन व अन्य पूरे काम करवाना चुनौती है।