scriptजोधपुर में चिकित्सा सचिव बोले- एक दिन में 8-10 मौतें क्यों हो रही है? डॉक्टर्स निष्कर्ष निकाले | Medical Secretary in Jodhpur said - Why are 8-10 deaths a day? Doctors | Patrika News

जोधपुर में चिकित्सा सचिव बोले- एक दिन में 8-10 मौतें क्यों हो रही है? डॉक्टर्स निष्कर्ष निकाले

locationजोधपुरPublished: Sep 14, 2020 01:44:16 am

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया का जोधपुर का दौरा

जोधपुर में चिकित्सा सचिव बोले- एक दिन में 8-10 मौतें क्यों हो रही है? डॉक्टर्स निष्कर्ष निकाले

जोधपुर में चिकित्सा सचिव बोले- एक दिन में 8-10 मौतें क्यों हो रही है? डॉक्टर्स निष्कर्ष निकाले

जोधपुर.
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया रविवार को जोधपुर दौरे पर रहे और डॉ. एसएन मेडिकल संबद्ध अस्पताल की व्यवस्थाएं देखी और कई तरह के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों में भी निरीक्षण कर कई तरह की खामियां देखी और उन्हें सुधार करने को कहा। गालरिया जोधपुर में कोरोना से बढ़ती मौतों से लेकर संक्रमितों के अस्पताल में चल रहे उपचार को जाना। गालरिया ने कहा कि डॉक्टर्स की टीम बैठें और निष्कर्ष निकालें कि एक ही दिन में आठ से दस मौतें क्यों हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों की डेथ ऑडिट का इंतजार न करें।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने ये बनाई रूपरेखा और इन पर कार्य होना बाकी

1: कैपेसिटी : वर्तमान में एमजीएच की स्थिति को देखते हुए आधे मरीज एमडीएम में भी शिफ्ट किए जाएंगे। दोनों अस्पतालों में आधे-आधे मरीज भर्ती हों। एमडीएम का इंफ्रा बेहतर है।
2. रोस्टर की पालना : चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी के रोस्टर तो बन गए लेकिन उनकी पालना होनी चाहिए। सीनियर डॉक्टर पेशेंट टिकट चेक करें। पेशेंट की स्क्रूटनिंग जल्द होनी चाहिए।

3. पेशेंट संतुष्टीकरण : अब मरीज खाना-सफाई के आगे व्यक्ति हेल्पर की मांग कर रहा है। यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो चल फिर नहीं सकता। उसको प्रोटेक्शन देते हुए एक परिजन की अनुमति दी जा सकती है। दूसरा यदि किसी संदिग्ध मरीज को आधा घंटा भी इंतजार करना पड़े तो यह स्थिति खराब है, जबकि बैड खाली है।
4. लाइन ऑफ ट्रीटमेंट : जितने मरीज भर्ती हैं उनमें से कितनों का सीटी स्कैन हुआ, कितनों को रेमडेसिवीर दी और कितनों को इंजेक्शन लगाया। यह बातें टिप्स पर होनी चाहिए। एचओडी खुद लीड करेंगे।
एमडीएम में आइएलआइ ओपीडी
एमडीएम में आइएलआइ ओपीडी जल्द शुरू की जाएगी। क्योंकि एमजीएच की कैपेसिटी अभी जितनी है उसमें ज्यादा बढ़ा नहीं सकते, एमडीएम में कैपेसिटी बढाएंगे और आइसीयू का भी उपयोग करें।

ऐसी गलती न हो
एक व्यक्ति बाड़मेर जिले से आया और 58 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल था। उसका सैम्पल पांच घंटे बाद लिया और शाम तक रिपोर्ट नहीं आई। ऐसे में उसको कोविड वार्ड में शिफ्ट नहीं किया गया। ऐसी गलती दुबारा न हो। यह मामला निरीक्षण के दौरान सामने आया।
इनका कहना…

बातचीत में जो निर्णय हुए हैं वास्तव में उनकी पालना करना है। प्रशासनिक स्तर पर हम प्रयास करेंगे कि उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
– इंद्रजीतसिंह, जिला कलक्टर, जोधपुर

आपको पता है चिकित्सा सचिव व प्रिंसिपल का राउंड है, आप कहां गए थे?
गालरिया को महात्मा गांधी अस्पताल के एक मेल वार्ड के निरीक्षण के दौरान एक रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर नदारद मिला। इस पर रेजिडेंट को बुलाया और पूछा कि वे कहां थे? रेजिडेंट ने उत्तर दिया कि वह तो आईसीयू में गया था। इस पर प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा की मौजूदगी में सचिव ने पूछा कि क्या वहां कोई इमरजेंसी कॉल थी। इस पर रेजिडेंट ने कहा कि नहीं, सचिव ने कहा कि जब आपको पता है कि आपके प्रिंसिपल व सचिव राउंड ले रहे है तो आपको यहां होना चाहिए था।
जोधपुर के विशिष्ट मुद्दे, इसलिए सीएम के निर्देश पर जोधपुर आया हूं

पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता में गालरिया ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत का निर्देश था कि वे एक बार जाकर राउंड ले। अस्पताल में किसी प्रकार की इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पतालों में बाथरूम व बैड से गिरे दिवंगत कोरोना मृतकों के लिए वैभव ने कहा कि इसके लिए संभागीय आयुक्त व चिकित्सा अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
अब लगाया मरीजों के लिए शामियाना
एमजीएच में लंबे समय से जांच केन्द्र के स्थान पर मरीज धूप में खड़ें होकर अपना सैंपल दे रहे थे। वहीं चिकित्सा शिक्षा सचिव के आगमन पर रविवार को यहां मरीजों को धूप से बचाने के लिए शामियाना लगायााा। सफाईकर्मियों ने दिया ज्ञापन सफाईकर्मियों ने भी कम वेतन को लेकर चिकित्सा शिक्षा सचिव को ज्ञापन दिया।
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