भोपालगढ़ को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी की मुख्य व्यवस्थापक दीपाली सोनी ने बताया कि राजफैड की ओर से समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर गत १५ अक्टूबर से मूंग की सरकारी खरीद का कार्य शुरु किया था। इसके लिए केन्द्र में एक साथ ६ कांटे लगाए थे और रोजाना करीब १५० से २०० किसानों से लगभग एक हजार क्ंिवटल से अधिक मूंग की खरीद कर तुलाई की। जिसके चलते भोपालगढ़ केन्द्र पर खरीद कार्य पूरा होने तक ४२३४ किसानों से सर्वाधिक ४९ हजार ९८४ क्ंिवटल मूंग की खरीद की है और प्रति किसान औसतन ११.८० क्विंटल मूंग की खरीद हुई। जबकि इसका कुल मूल्य भी लगभग ३४ करोड़ ८६ लाख ३८ हजार ४०० रुपए है, जो कि किसानों को मिलेगा। राज्य सरकार के निर्देशानुसार फिलहाल ८ जनवरी से खरीद कार्य बंद किया है। जबकि गत वर्ष इसी खरीद केन्द्र पर ७१७७ किसानों से एक लाख ३४ हजार २२७ क्विंटल मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई थी और प्रति किसान औसतन १८.७० क्विंटल मूंग की खरीद हुई। जिसके बदले क्षेत्र के किसानों को करीब ७५ करोड़ रुपए का भुगतान किया था। (निसं)
खरीद बंद होने से किसान नाराज
खरीद केंद्र पर मूंग खरीद करना बंद करने से सैकड़ों किसान अभी भी टोकन लेने के बावजूद अपनी मूंग की उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाए हैं। ऐसे में उन किसानों में राज्य सरकार एवं राजफैड के रवैये को लेकर नाराजगी है और इसके विरोध में गौतम गारासनी, मुकेश लामरोड, रेवतराम, दिनेश चोटिया, रामनिवास, अशोक बुड़ीया, किशोर बांता, राजूराम बेड़ा, कानाराम भाकल व गिरधारीराम सहित कई किसानों ने मुख्यमंत्री व कृषिमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर खरीद कार्य जारी रखने की मांग रखी।
२०-२५ करोड़ से अधिक भुगतान
अब तक करीब तीन हजार से अधिक किसानों को लगभग २० से २५ करोड़ रुपए का भुगतान सीधे बैंक खातों में जमा कराया जा चुका है और यह क्रम अभी भी जारी है।
बोरियों के लगे ढेर
समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर किसानों से अब तक करीब ४९ हजार ९८४ क्ंिवटल मूंग की खरीद किए जाने के चलते सोसायटी परिसर में एकबारगी तो पैर रखने तक की जगह नहीं होने से पास ही स्थित परसराम मदेरणा स्टेडियम में खरीद की गई मूंग से भरी बोरियों की ढेर लगाने पड़े हैं। जिसकी रखवाली के लिए भी सोसायटी प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किए हैं और सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। खरीद कार्य हुआ बंद
खरीद केन्द्र पर किसानों के सहयोग के चलते खरीद सभी व्यवस्थाएं सुचारु चली और यहां शांतिपूर्ण तरीके से निर्धारित तक खरीद कार्य पूरा कर लिया है और किसानों को उनकी उपज का भुगतान भी किया जा रहा है। वंचित किसानों से खरीद के लिए सरकार व राजफैड से मार्गदर्शन मांगा है। – दीपाली सोनी, मुख्य व्यवस्थापक मार्केटिंग भोपालगढ़