हालांकि भारत में 2018 से 2019 के मुकाबले 98 प्रतिशत शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है लेकिन इसे केवल अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर सामने आया प्रभाव बताया गया है। वर्ष 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में जोधपुर को सबसे खराब वायु प्रदूषित शहरों में 14वां स्थान मिला था। जोधपुर में वर्षभर चलती धूल भरी हवा और आंधी के कारण इसको वायु प्रदूषित शहर माना गया है। हालांकि सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, ओजोन जैस वायु प्रदूषकों के मामले में जोधपुर खरा उतरा है।
केवल धूल कणों के कारण परेशान है जोधपुर
जोधपुर सहित थार के अधिकांश इलाकों की हवा में धूल कणों की वेजह से बेजां प्रदूषण हो रखा है। हवा में पीएम-२.५ (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा ५० माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक होने पर अस्थमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत होती है। जोधपुर में हवा में अन्य प्रदूषकों सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड का स्तर काफी कम है यानी गाडि़यों व फैक्ट्रियों की वजह से होने वाला प्रदूषण काबू में है। अप्रेल, मई, जून महीने में हवा में धूल कण बढऩे से चिकित्सक श्वास व ह्रदय रोगियों को संभलकर रहने की सलाह देते हैं।