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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने 6 जिलों में कराई झमाझम बरसात, लेकिन 7 जिलों को अभी भी है इंतजार

केवल जालोर ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां जून महीने की बरसात में ही मानसूनी कोटा भी पूरा हो गया है

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जोधपुर। अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के बावजूद इस महीने प्रदेश के सात जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। इसमें अधिकतर हाड़ौती क्षेत्र के जिले हैं, जबकि 6 जिलों में वर्तमान औसत से 500 प्रतिशत से अधिक पानी बरसा। इसमें अधिकांश क्षेत्र मारवाड़ का है।

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सर्वाधिक बारिश 1655 प्रतिशत से अधिक जालोर में हुई है। केवल जालोर ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां जून महीने की बरसात में ही मानसूनी कोटा भी पूरा हो गया है। राजस्थान में 1 जून से लेकर 19 जून तक औसत बारिश का स्तर 30.1 मिलीमीटर है। अब तक 109.1 मिमी बरसात हो चुकी है, यानी पूरे प्रदेश में औसत का 262 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। मानसून अभी बाकी है। मानसून जून के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में प्रवेश करने की उम्मीद है।

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वहीं राजस्थान में एक बार फिर मौसम बदलेगा। 25 जून से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और प्री मानसून मेहर बरसाएगा। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले दो दिन मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि इस दौरान कुछ जगह हल्की बारिश हो सकती है। वहीं गुरुवार को चित्तौड़गढ़ और बूंदी में बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। राजस्थान में 25 जून से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और प्री मानसून मेहर बरसाएगा। 27 जून तक भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग की माने तो मानसून पूर्वी भारत के बचे हुए राज्यों से होता राजस्थान में प्रवेश करेगा। माना जा रहा है कि 27 से 29 के बीच राजस्थान में मानसून का प्रवेश होगा। राजस्थान में मानसून की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है। लेकिन मानसून की एंट्री के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा।