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उम्मेद अस्पताल में बदल गए बच्चे, 16 घंटे बाद प्रसूताओं को मिले उनके नवजात

locationजोधपुरPublished: Nov 11, 2018 12:13:41 am

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

-रियल रिपोर्ट- -नर्सिंगकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की गलती से हुई बच्चों की अदला-बदली

New Born child change by Mistake in Umaid hospital

उम्मेद अस्पताल में बदल गए बच्चे, 16 घंटे बाद प्रसूताओं को मिले उनके नवजात

-एक साथ दो को आवाज लगाने से हुई गफलत

– परिजन की मौखिक शिकायत पर अस्पताल प्रशासन ने गठित की जांच कमेटी
जोधपुर.

नवजात केयर मेंं प्रदेश भर में अव्वल रह चुके उम्मेद अस्पताल में शनिवार को पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में नवजात बच्चे बदल जाने से अफरातफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन ने फुटप्रिन्ट, वजन, ब्लड गु्रप से नवजात की पहचान की और प्रसूताओं को करीब सोलह घंटे बाद सही बच्चे सौंपे। परिजन की शिकायत पर मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने डॉॅ. मोहन मकवाना सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिजनों को संदेह नहीं रहे इसलिए एक बच्चे व उसके मां-पिता का डीएनए टेस्ट भी करवा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार उम्मेद अस्पताल में डाली नाम की महिला का प्रसव 6 नवम्बर और ओसियां निवासी चैनसिंह की पत्नी का प्रसव 7 नवम्बर को हुआ। दोनों के बच्चे कमजोर थे इसलिए उन्हें नर्सरी में शिफ्ट कर दोनों प्रसूताओं को पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में रखा गया। शुक्रवार शाम करीब 5 बजे नर्सरी में तैनात नर्सिंग स्टाफ ने बाई (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) के जरिए एक साथ दो बच्चों को पोस्ट ऑपरेटिव में भेज दिया।
बाई ने दो प्रसूताओं के नाम से एक साथ आवाज लगाई तो प्रसूताओं के साथ वहां मौजूद महिलाओं ने प्रसूता के नाम से बच्चे ले लिए। ओसियां निवासी प्रसूता को शनिवार सुबह 8 बजे संदेह हुआ कि उसे जो बच्चा दिया वह उसका नहीं है। उसके परिजन ने अस्पताल प्रशासन को इससे अवगत कराया तो अफरातफरी मच गई। कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. बी.एस. जोधा ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरागङ्क्षसह व डॉ. एस. के. विश्नोई से जानकारी ली। चिकित्सकों की ओर से बच्चों की परख में पुष्टि हो गई कि नर्सिंगकर्मी की गलती से बच्चे बदल गए। दोनों बच्चों के टैग हटे हुए थे। लेकिन ब्लड गु्रप, वजन व फुट प्रिन्ट का मिलान कर दोनों प्रसूताओं को सुबह करीब 10 बजे उनके सही बच्चे दे दिए गए। परिजन ने अस्पताल की कार्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए मौखिक शिकायत की है। अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की है।
इसलिए उठ रहे सिस्टम पर सवाल

-नर्सरी से वार्ड में दो नवजात को एक साथ क्यों लाया गया? इससे गफलत हुई।

-जब तक एक नवजात को सौंप नहीं दिया गया, तब तक दूसरी प्रसूता को आवाज क्यों लगाई।
-दो प्रसूताओं का एक साथ नाम पुकारना भी गलती है।

-चिकित्सकों ने जब सही नवजात की परख की, तब दोनों के टैग हटे हुए थे, नर्सरी में नवजात के टैग हटाए क्यों?

—-
‘नर्सिंगकर्मी की गलती से बच्चे बदल गए। प्रसूता के एतराज पर नवजात के फुटप्रिन्ट, ब्लड ग्रुप व वजन का मिलान कर दोनों प्रसूताओं को उनके सही बच्चे दे दिए गए। फिर भी परिजन को कोई संदेह रहेगा तो एक बच्चे का डीएनएन टेस्ट करवा दिया जाएगा। जिससे गलती हुई है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
-डॉ. बीएस जोधा, कार्यवाहक अधीक्षक, उम्मेद अस्पताल, जोधपुर

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