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ऩए वन्यजीवों को रखने माचिया में एन्क्लोजर्स नहीं

locationजोधपुरPublished: Mar 02, 2021 11:47:27 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
अब द लिविंग डेजर्ट चिडिय़ाघर से करार के बाद उम्मीद

ऩए वन्यजीवों को रखने माचिया में एन्क्लोजर्स नहीं

ऩए वन्यजीवों को रखने माचिया में एन्क्लोजर्स नहीं


जोधपुर. माचिया जैविक उद्यान में देश के विभिन्न जंतुआलय से एनिमल एक्सचेंज योजना के तहत आकर्षक वन्यजीव लाने को वनविभाग तैयार है लेकिन उद्यान में एन्क्लोजर (पिंजरे ) उपलब्ध नहीं होने के कारण पिछले दो साल से मामला अटका हुआ है। माचिया उद्यान में कई प्रजातियों के ऐसे वन्यजीव जरूरत से ज्यादा मौजूद हैं जिनकी देश के कई प्रमुख जंतुआलय में जबरदस्त मांग हैं। देश के विभिन्न राज्यों के ऐसे जंतुआलय सीजेडए के नियमों के तहत जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान के लिए एक्सचेंज योजना के तहत कई प्रजातियों के आकर्षक वन्यजीव देने को भी तैयार है। छत्तीसगढ़ का जंतुआलय तो भेडिय़ों के बदले व्हाइट टाइगर तक देने को तैयार है लेकिन मामला एन्क्लोजर अभाव की वजह से ठंडे बस्ते में है।
अब यूएसए के डेजर्ट चिडिय़ाघर से उम्मीद
सीजेडए की ओर से देश के 15 प्रमुख चिडिय़ाघरों को विश्वस्तरीय बनाने के दस वर्षीय विजन प्लान में जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान को शामिल करने के बाद द लिविंग डेजर्ट चिडिय़ाघर एंड गार्डन, कैलिफोर्निया के साथ करार पर हस्ताक्षर हो चुके है। इसी माह के अंत तक इनवेस्टर मीट में फंडिंग को लेकर बैठक होगी। यूएसए के द लिविंग डेजर्ट चिडिय़ाघर के साथ करार के बाद जिराफ, चीता, जेब्रा सहित कई और भी वन्यजीव जोधपुर लाने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
नए एन्क्लोजर का अभाव

जोधपुर जंतुआलय में उपलब्ध कुल सात भेडिय़ों में से चार भेडि़ए कोटा के नवनिर्मित जैविक उद्यान भेजे जा चुके है। वर्तमान में तीन भेडि़ए बचे है जो सभी मेल है। इसके अलावा लॉयन, पैंथर, जैकाल, लोमड़ी चीतल, चिंकारे भी आवश्यकता से अधिक मात्रा में मौजूद है। देश के कई चिडिय़ाघर वन्यजीव एक्सचेंज योजना के तहत नए वन्यजीव देने में सहयोग को तैयार है लेकिन हमारे पास रखने के लिए नए एन्क्लोजर का अभाव है।
-केके व्यास, सहायक वन संरक्षक, माचिया जैविक उद्यान जोधपुर
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