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देश की सर्वोच्च हैण्डीक्राफ्ट संस्था में रोजगार और निर्यात में अव्वल जोधपुर का प्रतिनिधित्व ही नहीं!

locationजोधपुरPublished: Jul 23, 2018 09:21:32 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

– वर्ष 2011 के बाद से ईपीसीएच में जोधपुर का कोई सीओए मेम्बर नहीं

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अमित दवे/जोधपुर. देश की सर्वोच्च हैण्डीक्राफ्ट संस्था एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फोर हैण्डीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच) में जोधपुर का प्रतिनिधित्व नहीं है। केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के अधीन व प्रशासनिक नियंत्रण वाली ईपीसीएच का संचालन करने वाली 25 सदस्यीय कमेटी ऑफ एडमिनिस्टे्रशन (सीओए) में सात वर्ष से जोधपुर को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला। निर्यातकों के अनुसार इसकी वजह किन्हीं कारणों से जोधपुर के निर्यातकों द्वारा किए जाने वाले आवेदनों को खारिज कर दिया जाना है। इस वजह से जोधपुर के निर्यातक चुनाव नहीं लड़ पाते। कमेटी में केन्द्र सरकार की ओर से मनोनीत दो उच्चाधिकारी व 18 निर्यातक होते हैं। ये देश के अलग-अलग रीजन से चुने जाते हैं।
ये विजयी 18 सदस्य 5 को-ऑप्टेड सदस्यों का चुनाव करते है। ईपीसीएच के नॉर्थ-वेस्ट रीजन में राजस्थान से जयपुर व जोधपुर तथा मध्यप्रदेश के निर्यातक शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक सदस्य जोधपुर व जयपुर से हैं। जोधपुर से ईपीसीएच के 800 निर्यातक सदस्य हैं। जोधपुर का हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग विदेशी मुद्रा के साथ लाखों लोगों को रोजगार मुहैया करवा रहा है, परन्तु देश की सबसे बड़ी संस्था में प्रतिनिधित्व नहीं होना निराशाजनक है।
नहीं हो पाती पैरवी

वर्ष 1997 से 2011 तक जोधपुर से ईपीसीएच के सीओए सदस्य तथा 2007-2009 तक वाइस चेयरमैन रह चुके निर्मल भंडारी ने बताया कि कमेटी में जोधपुर का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण केन्द्र सरकार तक यहां के निर्यातकों की समस्याओं की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। मेरे कार्यकाल में मैंने ईपीसीएच में जोधपुर के निर्यातकों की समस्याओं की पैरवी करते हुए कई कार्य कराए। जिसमें सीफएसी, वुड सीजनिंग प्लांट की स्थापना, दो अन्तरराष्ट्रीय मेलों का जोधपुर में आयोजन प्रमुख रहे। जोधपुर से कम से कम एक सदस्य सीओए में होना चाहिए।
प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा


जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भरत दिनेश ने बताया कि ईपीसीएच में जोधपुर का प्रतिनिधि नहीं होने से जोधपुर के हस्तशिल्प उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । सरकार की कई योजनाओं में जोधपुर के हस्तशिल्प व निर्यातकों को अनदेखा किया जा रहा है। जोधपुर एवं जयपुर के सदस्यों की संख्या में ज्यादा फर्क नहीं है फि र भी जयपुर से सभी सदस्यों का प्रतिनिधित्व जोधपुर के लिए निराशा वाली बात है। अगले माह होने वाले चुनाव में जोधपुर से निर्यातक फिर सीओए सदस्य के लिए आवेदन करेंगे।
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