फलोदी क्षेत्र में कई जीएसएस ऐसे हैं, जहां सिर छुपाने के लिए भी जगह नहीं है। यहां ग्रामीण क्षेत्र में एक कर्मचारी जो यहां कार्यरत रहता है, वह या तो धूप के साथ मशीनों का सहारा लेकर छांव ढूंढता है या फिर एक कच्ची झोपड़ी बनाकर आसरा खुद ने ही तैयार किया है।
शहर के लालसागर क्षेत्र में वितरण जीएसएस में बारिश के दिनों में घुटनों तक पानी भर जाता है। कर्मचारी यदि बिजली सप्लाई शुरू या बंद करने जाता है तो भी हर समय खतरे में रहता है। करंट लगने से कई हादसे भी हो जाते हैं। पानी निकासी की व्यवस्था सालों से नहीं हुई।
शहर के बीचोंबीच कचहरी परिसर में जीएसएस में झाडिय़ां उगी हुई हैं। कई बार तो यह बिजली ट्रिपिंग और हादसे का कारण बनती है। लेकिन डिस्कॉम की ओर से झााडिय़ां हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
हमने कई बार जीएसएस पर असुविधाओं को दूर करने के लिए मांग की है। कई बार तकनीकी कर्मचारी इन अव्यवस्थाओं से हादसे का शिकार भी होते हैं। – लवजीत पंवार, महामंत्री, जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ (बीएमएस), जोधपुर