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हत्या करने पर अब दफा 302 की जगह लगेगी ये धारा, बदलेगी 164 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता

Rajasthan News: सीआरपीसी की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) लागू हो जाएगी

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विकास चौधरी
आम बोलचाल की भाषा में बदमाशों के लिए 420 शब्द का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन अब कानूनन इसमें बदलाव होने जा रहा है। एक जुलाई से 164 साल से चली आ रही भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) नहीं रहेगी। इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएसएन) लेने जा रही है। इसी के साथ सीआरपीसी की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) लागू हो जाएगी। बीएनएस के लागू होने से 358 धाराएं लागू होंगी। जो आईपीसी से 153 धाराएं कम हैं।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)

  • सीआरपीसी में धाराओं की संख्या 484 को बीएनएसएस में बढ़ाकर 531 की गई है।
  • 177 धाराओं को प्रतिस्थापित किया गया है।
  • 9 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं।
  • 14 धाराएं निरस्त की गईं हैं।

सीआरपीसी व बीएनएसएस की धाराओं में बदलाव

विषय- सीआरपीसी- बीएनएसएस धारा
कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्ति- 144- 163
अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी- 151- 170
एफआइआर- 154- 173
अंतिम रिपोर्ट- 173- 193

सजा की जगह न्याय पर अधिक ध्यान

नागरिकों को ध्यान में रखकर भारतीय न्याय संहिता बनाई गई है। इसमें सजा से अधिक न्याय पर अधिक ध्यान रखा गया है। वीडियो व ऑडियो जैसे डिजिटल साक्ष्य व सबूतों को शामिल करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और इससे सजा व न्याय अधिक मिल सकेगा। सरकार की ओर से एक सकारात्मक कदम है।

  • धर्मेन्द्रसिंह यादव, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जोधपुर

आईपीसी व सीआरपीसी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी। अब अपराध के तरीकों में भी बदलाव हो गया है। नई संहिता में नए भारत का नया कानून होगा। न्याय की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। समय कम लगेगा।

  • देवकीनंदन व्यास, अधिवक्ता, राजस्थान हाईकोर्ट

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