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Good News: राजस्थान की इस यूनिवर्सिटी ने लिया ऐसा फैसला, स्टूडेंट्स को होगा बड़ा फायदा, जानिए कैसे

जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी अब एक एकेडमिक ईयर में एक साथ दो डिग्री कर सकेंगे। नियमित विद्यार्थियों के लिए यह नियम इसी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू हो रहा है, जबकि स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए 2022-23 से लागू किया गया है।

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जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी अब एक एकेडमिक ईयर में एक साथ दो डिग्री कर सकेंगे। नियमित विद्यार्थियों के लिए यह नियम इसी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू हो रहा है, जबकि स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए 2022-23 से लागू किया गया है। इस तरह एक विद्यार्थी को डुएल डिग्री की उपाधि दी जा सकेगी।

विश्वविद्यालय की एकेडमिक कौंसिल की बैठक में इस पर मोहर लगाई गई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइन और नई शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय ने यह निर्णय किया है। एकेडमिक काउंसिल ने नकल विरोधी कमेटी के लिए 15 असिस्टेंट प्रोफेसर और 15 एसोसिएट प्रोफेसर के नाम को भी अनुमति दी।

चार को मानद उपाधि, विरोध भी जताया
विश्वविद्यालय की ओर से इस शैक्षणिक सत्र में होने वार्षिकोत्सव में चार व्यक्तियों को मानत उपाधि प्रदान की जाएगी। इसमें वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर सतीश कुमार राय और जयपुर स्थित गलता गद्दी पीठ के आचार्य जगतगुरु अनंत विभूषित स्वामी संपत कुमार अवधेशाचार्य महाराज को डिलीट की उपाधि दी जाएगी।

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कोलकाता स्थित इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के डॉ अशोक कुमार सक्सेना और मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर राजगोपाल चिदंबरम को डीएससी की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। एकेडमिक काउंसिल की बैठक के दौरान उपाधि को लेकर रसायन शास्त्र विभाग के एक शिक्षक ने अपना विरोध भी दर्ज कराया था।

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