
जोधपुर। प्रदेश में बाड़मेर के बाद अब जैसलमेर की धरती तेल उगलने जा रही है। सरकार ने ऑयल इंडिया को नई तकनीक से तेल कुओं से तेल निकालने की इजाजत दे दी है। कम्पनी ने टैक्नोलॉजी को लेकर टैण्डर भी कर दिए हैं। अगले साल से जैसलमेर के वाघेवाला क्षेत्र स्थित तेल के कुओं से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
ऑइल इंडिया राजस्थान परियोजना ने 1991 में जैसलमेर के वाघेवाला, तनोट और बाघीटीबा क्षेत्र में तेल खनन कार्य शुरू किया था। आसपास के क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक कुएं खोदे गए। ये कुएं 1200 मीटर से लेकर 2200 मीटर तक गहरे हैं। वाघेवाला के कुआ नम्बर एक और कुआं नम्बर चार से भारी तेल मिला, लेकिन इसमें तेल की श्यानता (विस्कोसिटी) अधिक होने की वजह से इसे अब तक कुए से निकालना मुश्किल हो रहा है।
साइक्लिक स्टीम सिम्युलेशन तकनीक का उपयोग हाेगा
इन कुओं को तेल निकालने के लिए अब साइक्लिक स्टीम सिम्युलेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक में कुएं के पास ही मशीनों की मदद से उच्च तापमान पर समानांतर भाप प्रवाहित की जाएगी, जिससे तेल की श्यानता कम हो जाएगी और तेल आसानी से निकाला जा सकेगा। इसके बाद इन कुओं से उत्पादन बढऩे की उम्मीद है।
अभी व्यावसायिक उत्पादन नहीं
तेल की श्यानता अधिक होने की वजह से ऑइल इंडिया को अब तक इन कुओं से व्यावसायिक उत्पादन नहीं कर पाया है। जैसे-तैसे वाघेवाला के कुओं से वर्तमान में प्रतिदिन 30 से 35 बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है। यह तेल गुजरात स्थित आेएनजीसी की रिफाइनरी में भेजा जाता है।
प्रतिदिन हजारों बैरल तेल का उत्पादन संभव हो सकेगा
वाघेवाला क्षेत्र में तेल निकालने के लिए अब तक हाई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके बाद प्रतिदिन हजारों बैरल तेल का उत्पादन संभव हो सकेगा। इससे व्यावसायिक उत्पादन किया जा सकेगा।
- सुशीलचंद्र मिश्रा, कार्यकारी निदेशक, ऑयल इंडिया, जोधपुर
Published on:
02 Dec 2017 10:42 am
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
