1994 से 1996 में खरीदे 9 वाहन हर वाहन की कम से कम आयु 15 साल होती है, लेकिन मजे की बात देखिए नगर निगम इन वाहनों को दो दशकों से चला रहा है। जबकि दूसरी ओर शहर में सीवरेज व बरसाती नालों की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है। जरा सी बारिश आते ही शहर में नदियां बहने लगती है। इस माहौल में आए दिन बरसात के बाद सीवरेज लाइन चॉक हो जाती है। इन समस्याओं के बावजूद निगम नए वाहन नहीं खरीद रहा है। जोधपुर शहर के बढ़ते दायरे के चलते यह वाहन भी नाकाफी है।
ये हैं व्यवस्था नगर निगम में कुल सीवरेज जेट मशीन 9 हैं। जिन्हें निगम ने एक ठेका फर्म को चलाने के लिए दे रखा है। इस फर्म को प्रतिदिन 8 घंटे वाहन चलाना जरूरी होता है। जिनमें 7 वाहनों का मासिक किराया 1 लाख 11 हजार रुपया है। जिनमें प्रेशर करने व पानी खिंचने की सुविधा हैं। इसके अलावा दो मशीनों का किराया 1 लाख 6 हजार रुपया मासिक है। जिसकी क्षमता केवल जेटिंग की है। इसके लिए ठेका फर्म को ड्राइवर, मेंटेनेंस व डीजल की व्यवस्था खुद करनी है।
सुपर सकर मशीन ज्यादा उपयोगी नगर निगम के पास सुपर सक्शन मशीन है। जो बड़े से बड़े सीवरेज चॉक सिस्टम को दुरुस्त कर देती है। सुपर जेट सकर मशीन भी किराए पर है। जिसका उपयोग होने पर प्रतिदिन के हिसाब से किराया लगता है। यह मशीन नगर निगम के लिए महंगी है, परंतु बहुत उपयोगी है।