जिले में कक्षा 12वीं तक के 483 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से केवल 4 स्कूल में लोक प्रशासन विषय के व्याख्याताओं के पद हैं और सभी पद खाली हैं। प्रदेश की करीब 10 हजार राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों में से 41 जगह ही लोक प्रशासन व्याख्याता के पद हैं। इनमें भी 35 स्कूलों में पढ़ाने के लिए व्याख्याता नहीं है। जोधपुर जिले के शाला दर्पण के अनुसार दर्शन शास्त्र विषय का एक भी पद सरकारी विद्यालयों में नहीं है। प्रदेश की बात करे तो 2 स्कूलों में पोस्ट हैं, जहां एक ही जगह शिक्षक कार्यरत हैं।
इन विषयों में भी हालत खराब जिले में अंग्रेजी के 548 व्याख्याताओं के स्वीकृत पद के विपरीत 470 व्याख्याता कार्यरत हैं। फिजिक्स के 102 पद में से 71 भरे हुए हैं। गणित के 54 में से 21 पद खाली हैं। अर्थशास्त्र के 150 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत हैं। जबकि 39 स्कूलों में विषय होने के बावजूद शिक्षक नहीं है। इतिहास के 442 में से 74 पद रिक्त हैं। समाज शास्त्र विषय के 18 पद में से 3 शिक्षक कार्यरत हैं।
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
‘लोक प्रशासन विषय पढ़ाने का जिम्मा राजनीति विज्ञान विषय के व्याख्याताओं को दिया गया है। लेकिन दर्शन शास्त्र के लिए विद्यार्थी किताबों पर निर्भर है। इन हालात में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार खाली पदों को शीघ्र भरे।
– कोमलसिंह चंपावत, वरिष्ठ प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ पोस्टिंग का काम सरकार का पोस्टिंग का काम सरकार का है। स्कूल वाले जानकारी भी देते हैं और आगे सरकार तक जानकारी भेजी भी जाती है।
– हनुमानप्रसाद शर्मा, डीईओ माध्यमिक मुख्यालय