scriptसौ से अधिक ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा में सिर्फ 37 जवान | Operation of more than a hundred trains, only 37 personnel in security | Patrika News

सौ से अधिक ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा में सिर्फ 37 जवान

locationजोधपुरPublished: Oct 23, 2021 12:37:35 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

– वर्ष 1954 में स्वीकृत नफरी पर संचालित हो रहा राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन जोधपुर- जांच अधिकारी के नाम सिर्फ निरीक्षक, 37 में से एक एसआइ व तीन एएसआइ की कमी

सौ से अधिक ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा में सिर्फ 37 जवान

सौ से अधिक ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा में सिर्फ 37 जवान

जोधपुर.
जोधपुर रेलवे स्टेशन, जहां से प्रतिदिन करीब 125 ट्रेनों का संचालन होता है। हजारों यात्रियों की आवाजाही होती है। इन सभी की सुरक्षा का जिम्मा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन जोधपुर थाने के लिए वर्ष 1954 में स्वीकृत नफरी अभी तक चल रही है। जीआरपी थाना जोधपुर में सिर्फ 37 पद स्वीकृत हैं। इनमें से भी थानेदार का एक व एएसआइ के तीन पद तो रिक्त हैं। पदस्थापित सिर्फ 37 पुलिसकर्मियों पर ही है। अपराधिक मामलों की जांच के लिए सिर्फ निरीक्षक ही मौजूद हैं। एसआइ व एएसआइ के पद रिक्त हैं।
दो विभागों में बंटी जीआरपी की जिम्मेदारी
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में पदस्थापित पुलिस अधिकारी व जवानों का जिम्मा राज्य सरकार के साथ रेलवे के पास भी है। जीआरपी के पुलिसकर्मियों को आधी तनख्वाह राज्य सरकार व आधी रेलवे की ओर से दी जाती है।
ट्रेनों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था में परेशानी
जोधपुर रेलवे स्टेशन से करीब 125 ट्रेनों का संचालन होता है। जबकि जीआरपी थाने में सिर्फ 37 पुलिसकर्मी स्वीकृत हैं। इनमें से एसआइ व एएसआइ के पद रिक्त हैं। जिसका खामियाजा ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ रहा है।
67 वर्ष पहले ट्रेन में लगती थी पांच सिपाही की गार्ड
जीआरपी से सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल प्रेमसिंह जोधा का कहना है कि वर्ष 1954 में जीआरपी राजस्थान का गठन हुआ था। तब जो नफरी स्वीकृत थी। वही अब तक चल रही है। उस समय जोधपुर रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए एकमात्र ट्रेन संचालित होती थी। उसमें एक हेड कांस्टेबल व चार कांस्टेबल की गार्ड लगती थी। जबकि अब अपराध का ग्राफ कई गुना बढ़ चुका है। राज्य पुलिस का पुर्नगठन हो चुका है। जबकि जीआरपी का नहीं। प्रेमसिंह जोधा ने रेल मंत्री, डीआरएम जोधपुर, राज्य के गृहमंत्री, राज्य के डीजीपी को पत्र भेजकर नफरी बढ़ाने का आग्रह किया।
आरपीएफ भी मौजूद, लेकिन अपराधिक जांच का पावर नहीं
रेलवे स्टेशनों पर रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) पुलिस स्टेशन भी है, लेकिन आरपीएफ के पास अपराधिक मामलों की जांच का अधिकार नहीं है। ऐसे मामलों की जांच जीआरपी ही कर सकती है। रेलवे सम्पत्ति की रक्षा व रेलवे नियमों की अवहेलना करने वालों पर आरपीएफ कार्रवाई करती है।
जीआरपी : एक निरीक्षक व 32 सिपाही
पद…………………….स्वीकृत नफरी……………..थाने में मौजूद नफरी
निरीक्षक………………….01………………………………01
उप निरीक्षक……………….01………………………………00
एएसआइ………………….03………………………………00
हेड कांस्टेबल……………….03………………………………03
कांस्टेबल………………….29………………………………..
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नफरी बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है…
‘जीआरपी में नफरी की कमी है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के साथ-साथ रेलवे को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।Ó
राशि डोगरा डूडी, पुलिस अधीक्षक (जोधपुर)।
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