बत्ता सागर गोल पुलिस चौकी के पास रहने वाली मृतका छोटादेवी राठौड़ (76) के करीब 15 वर्ष पूर्व कृत्रिम पेसमेकर लगाया गया था। परिजन को यह बात मृतका की अंतिम यात्रा रवाना होने के बाद याद आई। इस पर परिजन ने अरविन्द को सूचित किया। उन्होंने परिस्थिति समझते हुए परिजन को आश्वासन दिया कि वे सीधे श्मशान आकर पेसमेकर रिमूव कर देंगे। इसके बाद अर्पूवा ने कागा श्मशान स्थित कृष्ण धाम पहुंच कर पेसमेकर रिमूव कर परिजन को सौंपा। इसे बाद में सम्बंधित कैथ लेब/पेसमेकर कंपनी की ओर से डिस्पोजल किया जाएगा। गौरतलब है कि कृत्रिम पेसमेकर लगे शव के अग्निदाह के समय पेसमेकर में लगी ड्राई बैटरी में आग के सम्पर्क में आने से विस्फोट हो सकता है। इससे वहां मौजूद लोगों को नुकसान का अंदेशा रहता है। अरविन्द अब तक 60 से अधिक शव का पेसमेकर रिमूव कर चुके हैं। सामाजिक सरोकार के तहत वे पिछले 24 वर्ष से यह सेवा नि:शुल्क दे रहे हैं।