किसान के घायल होने पर ग्रामीण उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां से प्राथमिक उपचार करके छुट्टी दे गई। ग्रामीणों ने सुबह 11 बजे वन विभाग के कर्मचारियों को पैंथर की सूचना दी। सूचना पर देचू वन विभाग चौकी से जालेन्द्रसिंह पहुंचे। उन्होंने पैंथर को देखा और प्रशासन व रेस्क्यू टीम को भी सूचित किया।
उसके बाद शेरगढ़ से रेंजर मदनसिंह बोड़ा व बालेसर से रेंजर महेन्द्रकुमार पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश करके रेस्क्यूं टीम के आने तक नजदीक नहीं जाने के लिए कहा। चामू क्षेत्र में अचानक पैंथर की दस्तक के बाद आस पास गांवों के लोग दहशत में है।
पांच बजे पहुंची रेस्क्यू टीम, अंधेरा होने से नहीं मिली सफलता पांच बजे बाद वन्यजीव उडऩ दस्ता जोधपुर के क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक के पंवार व डॉक्टर श्रवणसिंह की रेस्क्यू टीम व बालेसर एसडीएम महावीसिंह जोधा मौके पर पहुंचे। प्रशासन की उपस्थिति में रेस्क्यू अभियान चलाया। ड्रॉन कैमरा की सहायता से रायड़े की फसल में तलाशी अभियान चलाया। रायड़े की फसल में गाडिय़ों को घूमाया गया तो पैंथर रायड़े की फसल में से निकल अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा। यह अभियान बुधवार सुबह से फिर जारी रहेगा।
खेतों खड़ी फसलें हुई खराब पैंथर की तलाशी में रायड़े की फसल में गाडिय़ों को घूमाकर घूमाकर व पैरों से कुचलकर फसल को तहस नहस कर दिया, जिसका खेत मालिक सहित ग्रामीणों ने गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग की है।
इस मौके सहायक वन सरक्षक के के व्यास, पटवारी राजूराम, देचू थानाधिकारी हनुमानराम, चामू पुलिस चौकी प्रभारी महिपालसिंह सहित सैंकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे। इन्होंने कहा
पैंथर की सूचना पर करीब पांच बजे चामू पहुंचा, जहां रेस्क्यूं टीम ने अभियान चलाकर पकडऩे की कोशिश की। अंधेरा हो जाने के कारण सफलता नहीं मिली। सुबह फिर से रेस्क्यू चलाया जाएगा। ग्रामीणों को रात में बाहर नहीं निकलने की हिदायत भी दी। चामू डिस्कॉम कर्मचारियों को भी रातभर बिजली रखने के निर्देश दिए।
-महावीरसिंह जोधा, एसडीएम बालेसर।