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MBM इंजीनियरिंग कॉलेज में नए सत्र से पेट्रोलियम इंजीनियनिंग की पढ़ाई, एआईसीटीई ने 60 सीटों पर दी अनुमति

locationजोधपुरPublished: Jun 02, 2020 12:21:36 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एमबीएम इंजीनियरिंग को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। इसके साथ ही नए सत्र से कॉलेज में 60 सीटों के लिए पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग खोलने को भी मंजूरी दी गई है

petroleum engineering course will start at MBM engineering college

MBM इंजीनियरिंग कॉलेज में नए सत्र से पेट्रोलियम इंजीनियनिंग की पढ़ाई, एआईसीटीई ने 60 सीटों पर दी अनुमति

गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एमबीएम इंजीनियरिंग को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। इसके साथ ही नए सत्र से कॉलेज में 60 सीटों के लिए पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग खोलने को भी मंजूरी दी गई है। जुलाई-अगस्त में विद्यार्थी पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे।
राज्य सरकार की ओर से अपने बजट में पहले ही एमबीएम कॉलेज को पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इससे लैब सहित विभाग की नई इमारत बनाई जाएगी। प्रथम वर्ष में छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग के सामान्य विषय ही पढऩे पढ़ते हैं। ऐसे में इस साल के अंत तक पेट्रोलियम विभाग के शिक्षकों की भर्ती भी कर ली जाएगी। कॉलेज में पहले से ही सिविल, मैकेनिकल, माइनिंग, इलेक्ट्रिकल्स, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस जैसे सभी आधारभूत विभाग होने से इस शैक्षणिक सत्र में पेट्रोलियम विभाग शुरू करने में दिक्कत नहीं आएगी। बीई के अन्य विषयों के साथ उसकी प्रक्रिया पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में भी प्रवेश मिलेगा।
महंगे आते हैं माइनिंग के उपकरण
पेट्रोकेमिकल विभाग एक तरह से माइनिंग से जुड़ा हुआ विभाग ही है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक प्रयोगशालाएं होती है। इसके उपकरण बहुत महंगे आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि करोड़ों रुपए के तो केवल उपकरण ही आ जाएंगे।
रिफाइनरी में मिलेगा रोजगार, 30 हजार कार्मिक काम करेंगे
बाड़मेर के पचपदरा में 16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफाइनरी का शिलान्यास किया। 4800 एकड़ में बन रही रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। पूर्ण क्षमता के साथ यह प्रतिदिन 9 मिलियन टन प्रति वर्ष कच्चे तेल का उत्पादन करेगी। 30 हजार से अधिक कार्मिकों को रोजगार मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश में पेट्रोकेमिकल से संबंधित कोई खास पाठ्यक्रम नहीं है। गुजरात के गांधीनगर और झारखण्ड के बोकारो में जरुर पेट्रोलियम विवि है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए लंबे से जोधपुर में पेट्रोकेमिकल्स पाठ्यक्रम की डिमांड हो रही थी।
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