ऐसे में पायलट दीपक ने जान पर खेल कर विमान सुरक्षित जगह ले जाकर खुद को इजेक्ट किया था। अगर विमान का विंग मकान की बालकनी से नहीं टकराता, तो विमान क्षतिग्रस्त हुए मकान के पास और पीछे खाली पड़े प्लॉट में जाकर गिरता। यह बात पायलट दीपक कांडपाल ने सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत को बताई थी तो विमान दुर्घटना की आपबीती सामने आई थी।
क्रैश मिग-27 के पायलट दीपक कांडपाल की आपबीती पायलट दीपक ने बताया था कि उसका एटीसी से पूरी तरह से सम्पर्क टूट गया था। ऐसे में खाली जगह देखकर क्रैश हुए विमान को गिराने/छोडऩे का प्रयास किया गया था। दीपक ने बताया था कि उसे अच्छी तरह पता था कि जिस खाली जगह पर वो प्लेन छोडऩा चाहता था, वहां कम से कम नुकसान होता। ऐसे में विमान को उसी दिशा में मोड़ कर वो इजेक्ट हो गया, लेकिन बदकिस्मती यह रही कि बिना पायलट के गिरते विमान का दायां विंग मकान की बालकनी से टकरा गया था। इससे विमान बांय ओर मुड़ गया और सीधे आगे जाकर खाली प्लॉट में गिरने के बजाय मकान में जा घुसा था।
बातचीत से स्पष्ट हुआ था कि विमान तकनीकी खराबी के कारण ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हादसे की जांच के लिए वायुसेना के अन्य उच्चाधिकारियों का जोधपुर पहुंचना जारी रहा था। वे यहां पहुंच कर घटना से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच-पड़ताल करते दिखे थे। आज हुए हादसे में भी पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए खाली स्थान को चिह्नित कर ही विमान को छोड़ा था और खुद को इजेक्ट किया था। इससे उसकी जान बच पाई।