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विश्व पृथ्वी दिवस विशेष: धरती के लिए मुसीबत बना प्लास्टिक प्रदूषण

प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए आमजन को है जागरूक होने की आवश्यकता

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- कचरे में प्रतिदिन करीब 3 ट्रेक्टर ट्रॉली होता है प्लास्टिक
- प्रतिवर्ष बढ रहे हैं करीब 8 हजार दुपहिया वाहन
- क्षेत्र में करीब 40 हजार वाहन है पंजीकृत

अगर हम किसी भी भीड़-भाड़ वाले बाजार पर नजर डालें, तो वहां से गुजरने वाले अधिकांश लोग बाजार से खरीदा हुआ सामान प्लास्टिक कैरी बैग से ले जाते हुए नजर आते हैं। इस बात से यह तो साफ हो जाता है कि आज प्लास्टिक ने हमारे दैनिक जीवन जगह बना ली है। लिहाजा बाजार से दूध लाना हो या सब्जीए राशन का सामान लाना हो या अन्य खाद्य सामग्री। हमारी खाद्य सामग्रीए वस्त्रए इलेक्ट्रोनिक उपकरण सहित हर चीज प्लास्टिक में आती है और यह प्लास्टिक सीधे कचरे के साथ घर से बाहर आ जाता है। जो उचित निस्तारण के अभाव में पर्यावरण को नुकसान पंहुचाता है। साथ ही मानव व पशुओं के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। हमें प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए जागरूक होन की आवश्यकता है।

हर जगह हो रहा है प्लास्टिक थेलियों का उपयोग

अगर फ लोदी की बात करें तो यहां चाहे सब्जी के ठेले हो या किराणा के दुकानदार। वे प्रतिबंध की परवाह किए बिना ही धडल्ले से प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग कर रहे हैं। हर आम आदमी के हाथ में सामान प्लास्टिक के कैरी बैग में नजर आता है। शहर में भारी मात्रा में प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग और आयात हो रहा है और प्रशासन व पालिका प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। शहर में प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग कितना हो रहा है इसका अंदाजा आप पालिका द्वारा बनाए गए कूड़ा फेंकने की जगहों से लगा सकते है। जहां कचरे में अधिकांश मात्रा प्लास्टिक कैरी बैग की होती है। गौरतलब है कि प्रतिदिन शहर से करीब 30 टन कचरा निकलता है। इस कचरे में प्रतिदिन 3 टै्रक्टर ट्रॉली प्लास्टिक होता है।

प्लास्टिक कैरी बैग पर कानून

तत्कालीन राज्य सरकार ने सूबे को प्लास्टिक मुक्त करने के उद्देश्य से 21 जुलाई 2010 से प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माणए भण्डारणए बेचानए स्थानांतरण और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भण्डारण, बेचान, स्थानांतरण और आयात करने पर एक लाख का जुर्माना एवं पांच वर्ष के कारावास का प्रावधान भी रखा है।

पृथ्वी दिवस 2018 का थीम है प्लास्टिक

प्लास्टिक से समुन्द्र, धरती, समुन्द्री जीवन और हमारे स्वास्थ्य नकारात्मक प्रभाव हो रहे हैं। विश्व स्तर पर बढ़ रहे पलास्टिक के लगातार उपयोग को देखते हुए विश्व पृथ्वी दिवस 2018 की थीम प्लास्टिक प्रदूषण को हटाने पर आधारित है। जिसमें पूरे विश्व के देशों को प्लास्टिक के उपयोग, पुन: उपयोग, रिसाइकल और निस्तारण को लेकर जागरूक किया जाएगा। प्लास्टिक से जहां एक तरफ जमीन को नुकसान हो रहा हैं, वहीं दूसरी तरफ प्लास्टिक मानव व पशुओं के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

पृथ्वी दिवस कार्यक्रम आज

जिला पर्यावरण समिति, जोधपुर के तत्वावधान में पृथ्वी दिवस पर रविवार सुबह 10 बजे वन चेतना केन्द्र में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। क्षेत्रीय वन अधिकारी जेठमाल ङ्क्षसह सोढ़ा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक पब्बाराम विश्नोई, अध्यक्षता उपवन संरक्षक हनुमानाराम चौधरी व विशिष्ट अतिथि एसडीएम अनिल जैन रहें।

इनका कहना है

प्लास्टिक कभी नष्ट नहीं होता है। जिससे खुले में पड़ा प्लास्टिक जमीन की उर्वरक क्षमता कम करता है। साथ ही पशुओं के शरीर प्रवेश के बाद स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। प्लास्टिक का उपयोग बंद करने को लेकर लोगों को आमजन को जागरूक होना चाहिए तथा स्वयं को ही प्लास्टिक का उपयोग बंद कर अन्य विकल्पों का उपयोग करना चाहिए।


डॉ.भागीरथ सोनी, नोडल अधिकारी, पशुपालन विभाग, फलोदी