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एक महिला व तीन बच्चों को ढूंढ नहीं पाई पुलिस, डीजीपी हुए पेश

locationजोधपुरPublished: Feb 20, 2019 11:23:26 pm

Submitted by:

Ranveer

राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग बुधवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में पेश हुए।

Police, DGP not found, found a woman and three children

एक महिला व तीन बच्चों को ढूंढ नहीं पाई पुलिस, डीजीपी हुए पेश

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई
जोधपुर.

राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग बुधवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में पेश हुए। लंबे अरसे से लापता एक महिला और उसके तीन बच्चों को नहीं ढूंढ पाने की स्थिति में हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को तलब किया था।
याचिकाकर्ता हनुमानगढ़ निवासी सादुल की पत्नी और तीन बच्चे मार्च, 2018 से लापता हैं। इनकी गुमशुदगी का मामला हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा थाने में दर्ज है। इन्हें ढूंढने में पुलिस को विफल रहने पर याचिकाकर्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में बीकानेर पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी भी कोर्ट में उपस्थित हो चुके हैं। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को तलब किया था। लेकिन यह छूट भी दी थी कि यदि चारों गुमशुदा ढूंढ लिए जाते हैं तो व्यक्तिगत उपस्थिति की जरूरत नहीं होगी।
पुलिस महानिदेशक गर्ग ने कोर्ट को बताया कि पुलिस इस प्रकरण सहित गुमशुदगी के अन्य सभी प्रकरणों में लापता लोगों को ढूंढने के लिए उसी तरह काम कर रही है जो कि एक प्रोफेशनल पुलिस को करने चाहिए। अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने कोर्ट को बताया कि महिलाओं व बच्चों सहित गुमशुदगी के मामलों में जांच अधिकारियों को गंभीरता से छानबीन करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे मामलों की एकीकृत मॉनिटरिंग भी की जा रही है। कोर्ट ने गर्ग द्वारा लापता महिला एवं बच्चों को ढूंढने के लिए सघन प्रयास करने का आश्वासन देने पर पुलिस को 26 मार्च का समय दिया।
हम समझते हैं परिवार का दर्द
पुलिस महानिदेशक गर्ग ने सुनवाई के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पिछले तीन वर्ष में ऐसे मामलों में लापता व्यक्ति को ढूंढने का राज्य पुलिस का प्रतिशत 80 से 90 प्रतिशत तक रहा है। जबकि देशभर में यह प्रतिशत 43 ही है। पुलिस समझती है कि किसी परिवार के एक व्यक्ति के लापता होने का दर्द क्या होता है, क्योंकि एक लापता व्यक्ति उस परिवार का सौ प्रतिशत होता है। गर्ग ने कहा कि हम प्रतिबद्ध हैं और ऐसे लोगों को ढूंढने का प्रयास नहीं छोड़ेंगे।
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