पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) राजेश कुमार मीना ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी, धरना व प्रदर्शन, अपराधिक मामलों की जांच, अपराधियों की धरपकड़, यातायात व्यवस्था, सड़क हादसों के बाद व्यवस्था बनाए रखने के दौरान आमजन व पुलिस के बीच होने वाले नोंक-झोंक, गलत व्यवहार की शिकायतें मिलती हैं। इन मामलों की जांच में पारदर्शिता लाने के लिए बॉडी वार्न कैमरे कारगर साबित होंगे। पुलिस मुख्यालय की ओर से 80 बॉडी वॉर्न कैमरे कमिश्नरेट को मुहैया करवाए गए हैं।
इनमें से 33 कैमरे यातायात पुलिस और 45 कैमरे थानों को आवंटित किए गए हैं। जो फिल्ड में जाने वाले अधिकारी व जवान गोपनीय तरीके से टांग सकेंगे।
पुलिस की लोकेशन भी हो सकेगी ट्रैस
बॉडी वार्न कैमरे आधुनिक तकनीक से लैस है। बेहतर क्वालिटी के कैमरे हैं। इनसे वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ फोटो भी खींची जा सकेगी। इनमें जीपीएस सिस्टम भी लगा है। जिससे पुलिस अधिकारी व जवानों की लोकेशन भी तुरंत पता लग सकेगी।