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लूणी विधानसभा क्षेत्र में दो नदियां, दोनों प्रदूषण की शिकार, पेयजल को तरस रहे ग्रामीण

सांगरिया चौराहा से लूणी विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय की तरफ बढऩे लगे तो तनावड़ा फांटा की बेहाली नजर आई।

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केआर मुंडियार/जोधपुर. सुबह 11 बजे का समय। जोधपुर शहर से सटा लूणी विधानसभा क्षेत्र का सबसे व्यस्त सांगरिया चौराहा। दुपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों के लिए इस चौराहा से गुजरना किसी खतरे से कम नहीं। ट्रैफिक व्यवस्था के नाम पर यहां कुछ नहीं। ट्रैफिक लाइटेंं केवल दिखावटी बनी हैं। यातायात को नियंंत्रण करने यहां पुलिसकर्मी भी नजर नहीं आया। बेहाल सडक़ से गुजरने के साथ इतनी धूल-मिट्टी उड़ रही थी कि खुले में श्वांस लेना भी मुश्किल हो रहा था।


सांगरिया चौराहा से लूणी विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय की तरफ बढऩे लगे तो तनावड़ा फांटा की बेहाली नजर आई। सालावास से गुजर रही जोजरी नदी में घुल रहा रासायनिक पानी का प्रदूषण न केवल लूणी के कई गांवों की जमीन बंजर कर रहा है, बल्कि प्रदूषित पानी पीने से पशु भी मौत के शिकार हो रहे हैं और बीमारियां भी बढ़ रही हैं। सालावास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 5 चिकित्सक तैनात हैं। यहां औसत 250-300 का आउटडोर रहता है। लेकिन रात को चिकित्सकों के मुख्यालय पर नहीं रुकने से लोगों को इमरजेंसी सुविधा नहीं मिल पा रही है।

इसके बाद दोपहर में विधायक की ओर से गोद लिए गांव शिकारपुरा पहुंचे। यहां कुछ हद तक सुविधाएं ठीक दिखी, लेकिन विकास की दरकार यहां भी है। यहां से लूणी उपखण्ड मुख्यालय पहुंचे। जोधपुर-पाली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कांकाणी से लूणी उपखण्ड को जोडऩे वाली सडक़ अच्छी नजर आई।

करीब पौने एक बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक मरीजों को परामर्श देते दिखे। दंत चिकित्सक कक्ष पर ताला था। यहां प्रतिदिन 100 से 130 का आउटडोर रहता है। कुछ समय पहले यहां प्रायोगिक तौर पर सिजेरियन प्रसव की सुविधा शुरू की गई है, लेकिन प्रभारी चिकित्सक को धुंधाड़ा का अतिरिक्त जिम्मेदारी देने से लूणी अस्पताल में सुविधा आगे नहीं बढ़ पा रही है। अस्पताल में चिकित्सक के पांच पद स्वीकृत है, लेकिन तीन स्थायी और दो चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर लगा रखे हैं। दो चिकित्सक एवं स्थायी गायनिक व एनेस्थिसिया चिकित्सक की दरकार है। ब्लड से संबंधित आवश्यक जांचें यहां हो रही हैं, लेकिन ईसीजी के लिए टैक्नीशियन नहीं हैं। मेल नर्स को ही ईसीजी करनी पड़ रही है।

आगे बढ़े तो लूणी-धुंधाड़ा रोड पर रेलवे लाइन क्रॉसिंग फाटक बंद मिली। कुछ लोग जल्दबजी में फाटक के बेरियर के नीचे से मोटरसाइकिल निकालने की जोखिम उठा रहे थे। फाटक के उस पार उपखण्ड अधिकारी, तहसील कार्यालय समेत अन्य सरकारी कार्यालय है। तीन लाइनों से ट्रेनों के अपडाउन के कारण दिन में कई मर्तबा फाटक बंद हो जाती है। क्षेत्र के लिए यह बड़ी परेशानी है। यहां पर ओवरब्रिज बनाए जाने की महत्ती दरकार है। लूणी से धुंधाड़ा एवं सर-सरेंचा मार्ग पर बने रेलवे अंडरपास खतरनाक है, बरसात के समय यहां पानी भर जाता है। अपराह्न साढ़े तीन बजे सालावास से बोरानाडा की सडक़ के हाल देखे। टू लेन सडक़ पर कई जगहों से क्षतिग्रस्त है। सडक़ के दोनों ओर नई-नई यूनिटें खुल रही हैं, लेकिन खाली जगहों पर फैक्ट्रियों से निकला अपशिष्ट व स्लरी बिखेरी जा रही है। यहां साफ-सफाई व प्रदूषण रहित वातावरण बनाए रखना बड़ा इश्यू है। पेयजल की समस्या कमोबेश सभी गांवों में हैं। पाल व बोरानाडा में सीवरेज तंत्र बिगड़ा हुआ है।


क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

- करवड़ गांव से लूणी मुख्यालय की दूरी करीब 115 किलोमीटर है। करवड़ समेत अन्य कई गांवों के लोगों के लिए लूणी मुख्यालय की दूरी नापना बेहद मुश्किल है। अधिक दूरी वाली ग्राम पंचायतें मुख्यालय को बीच में लाना चाहते हैं।
-पाली की फैक्ट्रियों का पानी लूणी नदी में आने से लूणी विधानसभा क्षेत्र के धुंधाड़ा, सतलाना, भाचरणा सहित कई गांवों की जमीन बंजर हो रही है।
-जोजरी नदी सालों से प्रदूषित हैं, जोजरी का मुद्दा विधानसभा में भी उठ चुका, लेकिन इस पर कोई प्रभावी योजना अमल में नहीं आई है।
-विधानसभा के अधीन मंडोर पंचायत समिति की 20 पंचायतों में विकास के नाम पर कोई खास काम नहीं हुआ।


2013 का परिणाम

प्रत्याशी - पार्टी - मत - मत प्रतिशत
जोगाराम पटेल - भाजपा - 96386 - 51.51
अमरीदेवी - कांग्रेस - 60446 - 32.31
राजेन्द्र चौधरी- निर्दलीय- 18966 10.14
नोटा - नोटा - 3322 1.78

विधायक निधि में खर्च
वर्ष - वित्तीय स्वीकृति - कार्य संख्या
2014-15 - 222.981 - 57
2015-16 - 329.418 - 85
2016-17 - 204.13 - 55
2017-18 - 329.418 - 85
2018-19 - 157.450 - 42
स्वीकृतियां शेष रहीं- 90.703

(राशि लाखों में)

महिलाओं और युवाओं के मुद्दे
महिलाओं और युवाओं दोनों के लिए प्रमुख मुद्दा महंगाई ही है। रसोई गैस सिलेंडर और पेट्रोल के भाव पर अधिकतर लोग नाराज नजर आए। महिलाओं की स्थानीय समस्या सुरक्षा व अपराध की घटनाओं को लेकर भी है। चेन स्नेचिंग और शराबी प्रवृति के व्यक्तियों से भी महिलाएं भयभीत हैं।

चुनावी साल में सक्रियता बढ़ी
क्षेत्रीय विधायक पिछले पांच सालों में वैसे तो समारोह व खास मौकों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे, लेकिन चुनावी साल में वे अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं। वहीं यहां से कांग्रेस के टिकट पर पिछला चुनाव लडऩे वाली अमरी देवी उम्रदराज होने की वजह से क्षेत्र में सक्रिय नजर नहीं आई। पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस से टिकट की दौड़ में शामिल नेता जरूर क्षेत्र में सक्रिय दिखे।

वादे हैं वादों का क्या
पिछले चुनाव में भाजपा ने क्षेत्र के विकास के कई वादे किए। बड़ा मुद्दा जोजरी नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने का हर साल उठता है, लेकिन नदी पुनरुद्धार के लिए बनी कार्ययोजना पर कोई अमल नहीं हुआ। उप तहसील झंवर को तहसील बनाने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। वर्तमान विधायक ने उपखण्ड के सभी कार्यालय मुख्यालय पर स्थानांतरित करने का वादा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका। पंचायत समिति सहित कई कार्यालय जोधपुर में ही संचालित हो रहे हैं।


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