------ कपास में तेजी से किसानों का बुवाई पर रुझान
गत सीजन में कपास के भावों में तेजी के चलते किसानों का कपास बिजाई को लेकर इस बार रुझान बढ़ा है। गत वर्ष जिले में 70 हजार हैक्टेयर व प्रदेश में 6 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस बार जिले में 80 हजार हैक्टेयर में व प्रदेश में 8 लाख हैक्टेयर कपास की बुवाई का अनुमान है।
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गत सीजन में कपास के भावों में तेजी के चलते किसानों का कपास बिजाई को लेकर इस बार रुझान बढ़ा है। गत वर्ष जिले में 70 हजार हैक्टेयर व प्रदेश में 6 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस बार जिले में 80 हजार हैक्टेयर में व प्रदेश में 8 लाख हैक्टेयर कपास की बुवाई का अनुमान है।
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सरकार से पर्याप्त विद्युत सप्लाई की मांग भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर व संभाग अध्यक्ष नरेश व्यास ने बताया कि बिजली संकट के कारण किसान कपास बुवाई को लेकर आशंकित है। इंदिरा गांधी नहर मरम्मत के चलते बुवाई समय में पानी मिलने की उम्मीद कम है। वहीं ट्यूबवेल सिंचित क्षेत्र में बिजली सप्लाई संकट बनी हुई है। सरकार कृषि सिंचाई के लिए पर्याप्त विद्युत सप्लाई दे, ताकि किसानों को कपास की फसल का फायदा मिल सके ।
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प्रदेश में कपास बुवाई का अनुमान (हैक्टेयर में) जिला-- बुवाई अनुमान हनुमानगढ़ -- 2.40 लाख श्रीगंगानगर-- 1.85 लाख जोधपुर-- 0.80 लाख नागौर-- 0.50 लाख भीलवाड़ा-- 0.35 लाख अलवर-- 0.26 लाख
प्रदेश में कपास बुवाई का अनुमान (हैक्टेयर में) जिला-- बुवाई अनुमान हनुमानगढ़ -- 2.40 लाख श्रीगंगानगर-- 1.85 लाख जोधपुर-- 0.80 लाख नागौर-- 0.50 लाख भीलवाड़ा-- 0.35 लाख अलवर-- 0.26 लाख
बीकानेर-- 0.28 लाख झुंझुनूं-- 0.17 लाख चुरू-- 0.11 लाख अन्य जिलें-- 1.28 लाख ----------------------------------------------------------- कुल 8.00 लाख
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