लुणी विधानसभा व शहर विधानसभा पर प्रभाव एक तरफ जहां गोयल ने स्वयं निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ गोयल के समर्थन में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। ऐसे में प्रजापत समाज के विरोधी स्वर से यह बात तो तय है कि इस बार भाजपा को प्रजापत समाज के वोट खिसकने का खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में पिछले विधानसभा चुनावों में लुणी विधानसभा से बीजेपी के उम्मीदवार जोगाराम पटेल को समाज ने समर्थन देकर वोट भी दिए थे। लेकिन इस बार बीजेपी को वोट नहीं मिलने से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। लुणी की अगर बात की जाए तो यहां लगभग 25 हजार से अधिक प्रजापत समाज के मतदाता है। वहीं शहर में भी लगभग यही संख्या है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या बीजेपी बगावत के स्वर को रोक पाएगी या नहीं।