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Vijayadashami 2023: रावण के सिर से निकलेंगे 101 आग के गोले, 1 घंटे तक होगी आतिशबाजी

जोधपुर में पहली बार कोटा की तर्ज पर रावण और उसके परिजनों के पुतले तैयार किए जा रहे हैं।

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जोधपुर। जोधपुर में पहली बार कोटा की तर्ज पर रावण और उसके परिजनों के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। इस बार रावण और उसके परिजनों के पुतले तैयार करने के लिए मथुरा के कारीगरों को बुलाया गया हैं। खास बात यह होगी कि इस बार यह पुतला कोटा में बनने वाले रावण के पुतले की तर्ज पर बनाया जा रहा है। हर बार रावण के पुतले की बॉडी एक ही पार्ट में बनती थी, जिससे चंद सेकेंड में ही यह जलकर राख हो जाता था। लेकिन, दावा किया जा रहा है कि इस बार रावण दहन लंबे समय तक चलेगा। जबकि अमूमन हर बार निगम की ओर से तैयार करवाए जाने वाले रावण का पुतला 1-2 मिनट में ढेर हो जाते था।

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तीन हिस्सों में बन रहा है रावण
ठेकेदार मेहराज अंसारी कोटा की तर्ज पर रावण का पुतला बनवा रहे है। 60 फीट लंबा रावण तीन पार्ट में बनेगा। इसका धड़ अलग तैयार हो रहा है। बीच का हिस्सा व पांव के हिस्से भी अलग-अलग तैयार हो रहे है। रावण का घेरा 18 फीट का रखा गया है, जबकि पिछली बार सात फीट था। कुंभकरण व मेघनाथ का पुतला 40 फीट लंबा बनेगा और सूर्पनखा व ताडक़ा के पुतले 30 फीट लंबे होंगे।

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लोहे की सीढिय़ों के सहारे खड़ा होगा रावण
अंसारी ने बताया कि रावण के पुतले का वजन भी इस बार करीब 600 किलो तक होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस कारण रावण को लकड़ी की बल्लियों पर नहीं, लोहे की सीढिय़ां बनवाई हैं, जिस पर पुतले को खड़ा किया जाएगा।

आतिशबाजी में नए पटाखों का इस्तेमाल
भगवान राम का तीर जैसे ही रावण की नाभि में लगेगा तो रावण के सिर से 101 आग के गोले निकलेंगे। साथ ही आंखों से अंगारे और कानों से धुआं निकलेगा। आतिशबाजी में भी नए पटाखों व रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रावण दहन के बाद इस बार आतिशबाजी में अलग रंगों को इस्तेमाल किया जाएगा। आतिशबाजी के ठेकेदार ने बताया कि इस बार करीब 45 मिनट से 1 घंटे तक आतिशबाजी होगी।