
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने यदि आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेता को उम्मीदवार बनाया तो उसे समाचार पत्रों में यह बताना होगा कि उसने ऐसे नेता को टिकट क्यों दिया है ? क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था। इसके लिए उन्हें अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा। इससे राजनीति में ऐसे लोगों की एंट्री पर रोक लग सकेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत में अपने तीन दिन के दौरे और चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई बैठकों के बारे में भी जानकारी देते हुए यह बात कही। आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि किसी उम्मीदवार का आपराधिक बैकग्राउंड है या नहीं। इसके लिए 'नो योर कैंडिडेट' एप्लिकेशन है। इसमें उम्मीदवार का पूरा शपथ पत्र अपलोड होगा। इसके साथ ही खुद ऐसे बैकग्राउंड के प्रत्याशी को भी समाचार पत्रों में अपनी जानकारी देनी होगी। उन्होंने बताया कि पहली बार वोट फॉर होम की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर अंदर वोट फॉर होम की सुविधा पाने वाले मतदाताओं को फॉर्म भरना होगा। इसके बाद चुनाव आयोग उनके घर से ही वोट डालने की व्यवस्था करेगा।
आयोग के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत पोलिंग बूथ से लाइव वेबकास्टिंग होगी, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके। इसके साथ ही 1600 बूथ ऐसे होंगे, जिन्हें यूथ संभालेंगे। इसमें महिलाएं भी शामिल होंगी।उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में कुल 5.25 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 2.73 करोड़ पुरुष और 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं वहीं 5.61 लाख दिव्यांग और 604 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं। इसके साथ ही 11.8 लाख मतदाता 80 साल से ज्यादा के हैं। राजीव कुमार ने बताया कि 100 साल से ज्यादा उम्र के 18,462 मतदाता है। 18 से 19 साल के 21.9 लाख युवा पहली बार मतदाता होंगे। जबकि 1.41 लाख मतदाता सर्विस वोटर हैं।
Published on:
02 Oct 2023 09:34 am
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