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अब तो सेब से भी महंगा हुआ टमाटर, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश

सब्जी बेचने वाले ठेला चालकों का कहना है कि सब्जियों के भाव बढ़ने से ग्राहकी भी एकदम घट गई है।

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भोपालगढ़। राजस्थान में टमाटर व अदरक सहित अन्य हरी सब्जियों के भाव दिन-ब-दिन आसमान छू रहे हैं और इन सब्जियों की कीमत बढ़ने से ग्रामीण इलाकों के लोगों की रसोई का भी बजट बिगड़ रहा है। हालत यह है कि ठेलों पर टमाटर और सेब लगभग एक ही भाव बिक रहे हैं। जिसके चलते भोपालगढ़ कस्बे में इन दिनों हरी सब्जियों व खासकर टमाटर व अदरक आदि की बिक्री भी बेहद कम हो गई है और लोग अपने घरों में बड़ी-राबोड़ी एवं केर-सांगरी आदि सूखी सब्जियां बनाकर ही काम चला रहे हैं।

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ग्राहकी घटी

सब्जी बेचने वाले ठेला चालकों का कहना है कि सब्जियों के भाव बढ़ने से ग्राहकी भी एकदम घट गई है। लोग आते हैं लेकिन भाव सुनकर बिना सब्जी लिए ही वापस लौट रहे हैं तथा आसपास के ग्रामीण इलाकों से आने वाली ग्राहकी तो पूरी तरह से बंद ही हो गई है।

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बजट गड़बड़ाया

जोधपुर की मुख्य थोक मंडी में ही सब्जियों की कीमतों में बीते दो सप्ताह में अचानक जबरदस्त उछाल आया है। ऐसे में एकाएक अधिकांश हरी सब्जियां महंगी होने से लोगों के घरों की रसोई का समूचा बजट ही गड़बड़ा गया है। स्थानीय निवासी महेन्द्रप्रताप देवड़ा का कहना है कि टमाटर जो कि हर सब्जी का जायका तो बढ़ाता है, लेकिन इस टमाटर ने रसोई के जायके को तो सारा ही बिगाड़कर रख दिया है। इसके अलावा खीरा, करेला, भिंडी व ककड़ी आदि अन्य हरी सब्जियां भी 100 रुपए प्रति किलो से ज्यादा तक पहुंच गई है।

सेब-टमाटर एक भाव

कस्बे के सब्जी बेचने वाले होलसेल व्यापारी मजीद खान तेली के मुताबिक टमाटर के भाव अधिकतम 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं और इस भाव में तो लोगों को बिना सीजन के सेब ही मिल जाते हैं। जबकि आजकल सेव और टमाटर तो कमोबेश एक ही भाव में बिक रहे हैं। ऐसे में महंगी हुई सब्जियों ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया हैं। वहीं बिक्री कम होने के चलते कई सब्जी विक्रेताओं ने सब्जी का स्टॉक भी कम मंगवाना शुरू कर दिया है।


इनका कहना है

आलू-प्याज को छोड़ अन्य सभी सब्जियों के भाव बढ़ गए है। ऐसे में अब एक किलो सब्जी खरीदने के लिए भी कई बार सोचना पड़ रहा है और इस वजह से घरों में सूखी सब्जियों का दौर आ गया है।

- ममता, गृहिणी


पिछले दस दिन में सब्जियों के भावोें में इस कदर तेजी आई है, कि घरों में किसी की भी अलग-अलग सब्जी बनाने की फरमाइश पूरी करने में दिक्कत आ रही है। यहां तक कि बाजार से हरी सब्जियां लाना ही फिलहाल बंद कर दिया है।

- संजना, गृहिणी