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जेडीए अध्यक्ष ने पूरे किए दो साल, शहर की पहचान बनने वाले ये बड़े प्रोजेक्ट्स अब भी अधूरे

ऐसे बड़े प्रोजेक्ट जो शहर की पहचान हो सकते हैं, वे भी अब तक अधूरे पड़े हैं

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जोधपुर. शहर में विकास का जिम्मा संभालते हुए हुए प्रो. डॉ. महेन्द्र राठौड़ को दो साल पूरे हो गए। जोधपुर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष पद संभालते हुए शहर को नई सड़कों और योजनाएं देने का दावा किया गया। कई शिलान्यास किए और तीन योजनाएं लॉन्च भी की। लेकिन यह योजनाएं अब तक अपने मूर्त रूप में नहीं आ पाई। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट जो शहर की पहचान हो सकते हैं, वे भी अब तक अधूरे पड़े हैं।

ओवरब्रिज जनता को सौंपे, वे पिछले कार्यकाल के


विकास के नाम पर दो ओवरब्रिज बनाकर जनता को सौंपे गए। इनमें वीर दुर्गादास राठौड़ और सारण नगर ओवरब्रिज प्रमुख है। लेकिन ये दोनों ही फ्लाईओवर इससे पहले के कार्यकाल के थे। आरटीओ फाटक ओवरब्रिज बनाने की घोषणा और शिलान्यास किया गया। लेकिन वह भी शुरू होता नहीं दिख रहा।

तीन योजनाएं लॉन्च की, वे भी सफल नहीं


करीब एक साल पहले जेडीए अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल की तीन योजनाएं लॉन्च की। इसमें गंगा विहार आवासीय योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय विहार और आनन्द विहार योजना शामिल हैं। लेकिन ये योजनाएं अब तक शहरवासियों की पसंद नहीं बन पाई है। खास बात यह है कि इससे पहले की पांच योजनाएं जो जेडीए के पिछले कार्यकाल में लॉन्च हुई थी वे भी अब तक आबाद नहीं हो पाई है।

ये प्रोजेक्ट पूरे होते तो अलग होती तस्वीर

1. इंटरनेशनल कंवेंशन सेंटर : 350 करोड़ का यह इंटरनेशनल कंवेंशन सेंटर विवेक विहार योजना में प्रस्तावित है। यह 350 करोड़ का प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। लेकिन खास बात यह है कि अभी विवेक विहार खुद ही विकसित नहीं हो पाया है, ऐसे में इस सेंटर के सफल होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

2. कौटिल्य प्रशिक्षण केन्द्र : जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पुराना परिसर में कौटिल्य प्रशिक्षण केन्द्र की स्वीकृति मिल रखी है। लेकिन इसको शुरू करने में देरी हो रही है। यह नई पीढ़ी को कौशल प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण कदम है।

3. रोप वे : कायलाना से सिद्धनाथ मंदिर तक रोप वे का सपना दो साल पहले देखा गया था। इसकी कागजी कार्यवाही भी बहुत पहले शुरू हो गई। बजट भी जारी हो गया। लेकिन इसको धरातल पर आने का अब भी इंतजार है।

देनदारियां उतारने में ही गुजर गया वक्त

50 करोड़ से अधिक देनदारियों के साथ जिम्मेदारी संभालने और कोष में 35 करोड़ रुपए होने के दावे किए जा रहे हैं। सड़क पर डामर लगाने के अलावा ज्यादातर समय देनदारियां उतारने में ही गया। पट्टों से एकमात्र बजट जुटाया गया।

जल्द पूरे करेंगे प्रोजेक्ट


मैंने जनता को साथ रखते हुए जनता के विकास के लिए काम करना शुरू किया था। जो देनदारियां जेडीए पर थी उसे चुकाई है और अब 35 करोड़ हमारे पास पड़े हैं। आगे यह जमा कोष और बढ़ाएंगे। जो भी अटके प्रोजेक्ट हैं उनको जल्द पूरा किया जाएगा।

- प्रो. डॉ. महेन्द्र सिंह राठौड़, अध्यक्ष, जोधपुर विकास प्राधिकरण


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