scriptडॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, मामला दबाने में जुटे जिम्मेदार ! | Ragging in Dr. SN Medical College, responsible for pressing the case | Patrika News

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, मामला दबाने में जुटे जिम्मेदार !

locationजोधपुरPublished: Jan 12, 2021 11:58:21 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
 
– कमरा आवंटन की बात कह कॉलेज प्रशासन कर रहा रैगिंग से इनकार
– पूरे दिन मामले पर पर्दा डालने में जुटे रहे जिम्मेदार
-18 को होगी एंटी रैगिंग कमेटी की मीटिंग

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, मामला दबाने में जुटे जिम्मेदार !

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, मामला दबाने में जुटे जिम्मेदार !

जोधपुर. डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में नियमित पढ़ाई शुरू होने के साथ एक बार फिर रैगिंग की घटनाएं होने लगी है। गत दो-तीन दिन में पहले ब्वॉयज मेडिकोज व फिर गल्र्स सीनियर मेडिकोज की ओर से रैगिंग ली गई है। इन दोनों रैगिंग को कॉलेज प्रशासन पूरे घटनाक्रम को हॉस्टल के रूम आवंटन की प्रक्रिया व आपसी झगड़े का हिस्सा बता दबाने में जुटा हुआ है। इस संबंध में एक मेडिकोज के अभिभावक ने प्रिंसिपल तक शिकायत भी पहुंचाई है।
दरअसल, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में नौ माह बाद कक्षाएं शुरू होने के साथ दो-तीन दिन पहले ही मेडिकोज हॉस्टल में पहुंचने लग गए थे। जूनियर के पहुंचने से सीनियर हॉस्टल में पहले से ही अलर्ट हो गए। गत शनिवार को सीनियर मेडिकोज ने हॉस्टल में आए जूनियर की रैगिंग ली, इसमें कॉलेज प्रशासन ने समझौता करवाया। इसके बाद सोमवार 2017 व 2018 बैच की दो सीनियर गल्र्स मेडिकोज ने 2019 बैच की की एक गर्ल मेडिकोज की रैगिंग ली। इसको कॉलेज प्रशासन रूम आवंटन का मुद्दा बता कन्नी काट रहा है। सोमवार के रैगिंग की सूचना प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा तक पहुंची, जिस पर उन्होंने तुरंत हॉस्टल वार्डन को मामला सुलझाने भेजा। डॉ. नीलम मीणा एक-डेढ़ घंटे वहां रूकी और छात्राओं से समझाइश की। हॉस्टल के बाहर रात को प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा मौजूद थे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा ने कहा कि गलत अफवाहे हैं और बीते रोज मैंने पूरा चैक कर लिया था। मेडिकोज सारे हॉस्टल आवंटन को लेकर इकट्टा हुए थे। रैगिंग की कंपलेन एप्लीकेशन आती तो सीधे कार्रवाई करनी पड़ती। उल्लेखनीय हैं कि कॉलेज प्रशासन 18 जनवरी को दोपहर 1 बजे एंटी रैगिंग कमेटी की मीटिंग भी आयोजित करेगा।
ब्वॉयज की रैगिंग को बता रहे आपसी झगड़ा

कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल में गत 9 जनवरी को 2019 बैच के दो-तीन मेडिकोज की सीनियर ने रैगिंग ली थी। लिखित में शिकायत पीडि़त व उनके परिजनों ने दी, कॉलेज प्रशासन ने इसमें भी राजीनामा करवा मामला शांत कराया। कॉलेज प्रशासन इसे मेडिकोज का आपसी झगड़ा बता रहा है।
सीनियर को बॉस कहने की परंपरा

डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर अपने सीनियर को बॉस नाम से संबोधित करते है। ऐसा नहीं कहने पर सीनियर्स अपने जूनियर पर नाराज तक हो जाते है। रैगिंग होना और फिर मामला दब जाना कई सालों से कॉलेज में चल रहा है। अक्सर कॉलेज प्रशासन अभिभावक व पीडि़त मेडिकोज से बातचीत कर मामला शांत करवाता आया है। मेडिकोज का आरोप है कि ं शिकायत देने के बावजूद कॉलेज प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती। कई मेडिकोज बिना आवंटन के हॉस्टल में रहते है। शराब के नशे में जूनियर को सीनियर्स परेशान करते हैं। लेकिन प्रिंसिपल कार्यालय से कोई एक्शन तक नहीं लिया जाता।
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