scriptखेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत | Rain water became a disaster in Khejadli Rescue Center | Patrika News

खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत

locationजोधपुरPublished: Jul 27, 2021 11:12:48 am

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
रेस्क्यू सेंटर के अंदर और बाहर के घायल वन्यजीवों को बचाने में करनी पड़ी दोहरी मशक्कत

खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत

खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत,खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत,खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर में बारिश का पानी बना आफत

NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. एक तरफ जोधपुर शहरवासी सुखद वर्षा के लिए इन्द्रदेव को मनाने का जतन और शिवालयों में भोलेनाथ से प्रार्थना कर रहे है तो दूसरी तरह जोधपुर जिले में सोमवार को हुई बारिश खुले मैदानों में स्वच्छंद विचरण करने वाले चिंकारे, काले हरिणों की जानलेवा साबित हुई है। बारिश के बाद नम भूमि पर दौडऩे में असमर्थ चिंकारे व ब्लेक बक कुत्तों के नोंचने से बड़ी संख्या में घायल हुए है। जोधपुर से करीब 28 किमी दूर खेजड़ली गांव में सोमवार सुबह करीब 45 मिनट तक जमकर बारिश होने क्षेत्र में संचालित रेस्क्यू सेंटर में पानी भर गया। बारिश के दौरान ही एक के बाद आसपास के क्षेत्रों से एक एक कर घायल चिंकारे लाए गए, जिससे रेस्क्यू सेंटर में नि:शुल्क सेवाएं देने वालों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। घायलों में चिंकारों के छैने (बच्चे) की तादाद ज्यादा रही।
मात्र एक घंटे में 10 चिंकारे घायल पहुंचे
सोमवार सुबह जमकर बरसात के कारण खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर परिसर में देखते ही देखते लबालब पानी भरने से सुरक्षा दीवार तोड़कर पानी की निकासी करनी पड़ी। खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर के अध्यक्ष घेवरराम गोदारा ने तेज बारिश में उपचाराधीन वन्यजीवों को सुरक्षित ठोर तक पहुंचाने के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से घायल अवस्था में पहुंचे 10 चिंकारों का भी प्राथमिक उपचार किया। रेस्क्यू सेंटर में नि:शुल्क सेवाएं देने वाले वन्यजीव प्रेमी श्याम लाल गोदारा, महंत शंकर दास, रामस्वरूप खावा, अशोक आनंद महाराज ने रेस्क्यू सेंटर में भरे पानी के निकासी व घायल चिंकारों के प्राथमिक उपचार में सहयोग किया।
सरकार से कोई मदद नहीं
खेजड़ली में संचालित रेस्क्यू सेंटर में ना तो कोई सरकारी चिकित्सक है और ना ही किसी तरह की कोई सरकारी सुविधा मौजूद है। वन्यजीव प्रेमियों के सहयोग से संचालित हो रहे रेस्क्यू सेंटर में घायलों के उपचार के लिए पक्का फर्श तक नहीं है। वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि एक छोटा सा फर्श बनने से घायल वन्यजीवों का प्राथमिक उपचार अच्छी तरह से हो सकता है और उनकी जान बचाने में मदद हो सकती है। रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों के विचरण के लिए बालू रेत की आवश्यकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो