पर्यटकों की आवक में तुलना
– राजस्थान में औसत एक वर्ष में 15-20 लाख के बीच पर्यटक आते हैं। इसमें देसी व विदेशी पर्यटक दोनों शामिल हैं। यह आंकड़ा कोरोना से पहले वर्षों का है।
– राजस्थान में औसत एक वर्ष में 15-20 लाख के बीच पर्यटक आते हैं। इसमें देसी व विदेशी पर्यटक दोनों शामिल हैं। यह आंकड़ा कोरोना से पहले वर्षों का है।
– स्विजरलैंड में हाल ही में जुलाई में करीब 16 लाख पर्यटक घूमने आए। यह कोरोना समाप्ति के बाद कई गाइड लाइन की पालना करते हुए।
– यानि प्रदेश में जितने एक वर्ष में पर्यटक आते हैं, उतने स्विट्जरलैंड में एक माह में ही आ जाते हैं।
– यानि प्रदेश में जितने एक वर्ष में पर्यटक आते हैं, उतने स्विट्जरलैंड में एक माह में ही आ जाते हैं।
जोधपुर ऐसे खास
जो भी पर्यटक राजस्थान आता है, वह एक बार जोधपुर जरूर आएगा। कोरोना से पहले जोधपुर में पर्यटकों की वार्षिक संख्या 12 लाख के करीब थी। इसमें भी 2 लाख विदेशी पर्यटक थे।
जो भी पर्यटक राजस्थान आता है, वह एक बार जोधपुर जरूर आएगा। कोरोना से पहले जोधपुर में पर्यटकों की वार्षिक संख्या 12 लाख के करीब थी। इसमें भी 2 लाख विदेशी पर्यटक थे।
बातें सीखने के लिए…
1. वक्त के पाबंद : वहां के लोग वक्त के पाबंद हैं। इसलिए पर्यटकों को सेवाएं भी बेहतर मिल पाती है। 2. पर्यावरण के लिए जागरूक : विकास की दौड़ में वे पर्यावरण संरक्षण को भी नहीं भूले हैं। यहां कचरे को रिसाइकिल करने और सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
3. शुद्ध खान-पान : वहां के लोग भले ही चॉकलेट व चीज के शौकिन हंै, लेकिन उसमें भी खान-पान शुद्ध व स्वच्छ रखते हैं। जो कि सेहत के लिए अच्छा व पर्यटकों को लुभाता है।
1. वक्त के पाबंद : वहां के लोग वक्त के पाबंद हैं। इसलिए पर्यटकों को सेवाएं भी बेहतर मिल पाती है। 2. पर्यावरण के लिए जागरूक : विकास की दौड़ में वे पर्यावरण संरक्षण को भी नहीं भूले हैं। यहां कचरे को रिसाइकिल करने और सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
3. शुद्ध खान-पान : वहां के लोग भले ही चॉकलेट व चीज के शौकिन हंै, लेकिन उसमें भी खान-पान शुद्ध व स्वच्छ रखते हैं। जो कि सेहत के लिए अच्छा व पर्यटकों को लुभाता है।
4. स्थानीय को जोर : जैसे हमारे यहां वॉकल फोर लोकल है, वैसे वहां स्थानीय प्रोडक्ट को ही स्विस लोग ज्यादा तवज्जो देते हैं। हमारे यहां अभी स्थानीय प्रोडक्ट के प्रति जुनून की कमी है।
इकॉनोमी का बड़ा हिस्सा पर्यटन
स्विट्जरलैंड में इकॉनोमी का बड़ा हिस्सा पर्यटन है। यहां के विकास में पर्यटन उद्योग ने भी बड़ी भूमिका निभाइ है। यही बात राजस्थान में भी हो सकती है। पिछले कुछ सालों में सुधार हुआ है। लेकिन अब भी काफी गुंजाइश है।
स्विट्जरलैंड में इकॉनोमी का बड़ा हिस्सा पर्यटन है। यहां के विकास में पर्यटन उद्योग ने भी बड़ी भूमिका निभाइ है। यही बात राजस्थान में भी हो सकती है। पिछले कुछ सालों में सुधार हुआ है। लेकिन अब भी काफी गुंजाइश है।
दोनों में बड़ा अंतर
वहां बर्फ व प्राकृतिक नजारों के कारण पर्यटन है। जबकि राजस्थान में रेगिस्तान व कलात्मक बनावट को देखने पर्यटक आते हैं। दोनों ही स्थानों में पर्यटन सीजन भी अलग-अलग समय पीक पर होता है।
वहां बर्फ व प्राकृतिक नजारों के कारण पर्यटन है। जबकि राजस्थान में रेगिस्तान व कलात्मक बनावट को देखने पर्यटक आते हैं। दोनों ही स्थानों में पर्यटन सीजन भी अलग-अलग समय पीक पर होता है।