नए दावेदारों का टिकट मांगने का तरीका सोशल मीडिया समर्थन जुटा कर किया जा रहा है। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों के ही दावेदार अपनी-अपनी योग्यता और समाज सेवा में किए गए कार्यों को सोशल मीडिया पर प्रचारित कर दावेदारी कर रहे हैं। राजनीति में नए-नए जुड़े लोगों का दावेदारी का प्रथम पैमाना ही यही सामने आ रहा है।
कई पुराने नेता जो कि सालों से राजनीति कर रहे हैं उन्हें भी अब समय के साथ दौड़ लगाने के लिए सोशल मीडिया पर एक्टिव होना पड़ रहा है। पिछले तीन माह में पांच विधायकों ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट वैरिफाइड करवा लिया है। हालांकि कुछ अब भी लाइक्स उस स्तर तक नहीं पहुंचा पाए हैं। इनमें केबिनेट मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर, विधायक सूर्यकांता व्यास, जोगाराम पटेल शामिल है। पब्बाराम विश्नोई भी एक्टिव लेकिन वैरिफाइड पेज नहीं नहीं।
– ओसियां विधायक भैराराम सियोल 1 लाख 5 हजार लोगों को जोड़ कर इस वार रूम में महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं।
– महापौर घनश्याम ओझा 26 हजार लोगों को जोड़ कर वैरिफाइड पेज के जरिये सरकारी व निगम योजनाओं को भुना कर भाजपा का वार रूम के महत्वपूर्ण सदस्य है।
– उम्मेदसिंह राठौड़, मृगेन्द्रसिंह व पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी निरंतर पलटवार के लिए सक्रिय नजर आते हैं। चौधरी का पेज तो वैरिफाइड भी है।