19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan elections 2023: गहलोत और शेखावत के आमने सामने लड़ने की चर्चा हर तरफ, जानिए क्या कहती है जनता

भाजपा के 7 सांसदों के चुनावी समर में उतरने के पहले से ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जोधपुर से चुनाव लड़ने की चर्चाओं का बाजार गरम है।

2 min read
Google source verification
ashok_gehlot.jpg

संदीप पुरोहित, जोधपुर। भाजपा के 7 सांसदों के चुनावी समर में उतरने के पहले से ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जोधपुर से चुनाव लड़ने की चर्चाओं का बाजार गरम है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके घर में घेरने के लिए गजेंद्र सिंह को सरदारपुरा से चुनाव में उतरने की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी है। हाईप्रोफाइल मानी जाने वाली सरदारपुरा पर हमेशा से ही पूरे राजस्थान की निगाह रहती है। भाजपा गहलोत के इस अभेद गढ़ को कभी भेद नहीं पाई है। गहलोत पांच बार विधायक बन चुके हैं और उन्हें हराने के लिए भाजपा हर बार नई रणनीति बनाती है पर कामयाब नहीं होती है। यहीं कारण है कि गजेंद्र सिंह सरदारपुरा को लेकर चर्चा में हैं।

यह भी पढ़ें- पुलिस की 130 टीमों ने अल-सुबह मारे छापे, 194 गिरफ्तार

अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हुई हैं। दिल्ली चाहे इस सीट को लेकर कुछ भी फैसला करे पर ग्राउंड यानि जोधपुर में कहानी कुछ अलग ही है। मारवाड़ अपणायत के लिए मशहूर है। कहते हैं यहां तक कि मिठाई से ज्यादा मीठी है यहां की बोली। इन दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट जोधपुर के मूल चरित्र के खिलाफ है। जोधपुर के लोग ये नहीं चाहते हैं कि ये दोनों सरदारपुरा से आमने सामने चुनाव लड़े। इसके पीछे इनका अपना तर्क है। यहां के लोगों की साेच यह है कि राज किसी भी दल का आए पर राज जोधपुर करें। यदि दोनों जीत कर जाते हैं तो जोधपुर का विकास ज्यादा होगा। महामंदिर के पास रहने वाले अशोक कुमार कहते हैं कि गहलोत-शेखावत के शब्द बाणों ने जोधपुर की अपणायत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। साथ ही वे यह भी कहते हैं कि संजीवनी मामले में लोगों के साथ न्याय होना चाहिए। जालप मोहल्ला के गोविंद कल्ला ने वहीं के लहजे में कहा कि दोनाें इस तरह जोधपुर का मान घटा रहे हैं। गजेंद्र सरदारपुरा की जगह कोई ओर ठोर से लड़े। सारी दुनिया जानें सरदारपुरा अशोक गहलोत रो है। दोनों आमने सामने लड़ेगे तो अपणायत पर हमला होगा।

यह भी पढ़ें- Rajasthan elections 2023: कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके ही क्षेत्र में फंसाने का नया प्लान बना रही भाजपा, जानिए कैसे


सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष देवड़ा का कहना है कि मानहानि तो जोधपुर की हो रही है। वे कहते हैं कि गहलोत के सामने शेखावत के चुनाव लड़ने पर अखबारों में चर्चा खूब हो गई। सोशल मीडिया पर रीले भी चलेगी पर इससे जोधपुर का भला नहीं होगा। अब सियासी मजबूरियों चाहे इनको आमने सामने लाकर खड़ा कर दें पर जोधपुर शहर की तासीर को यह कड़वाहट नहीं भा रही है।