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डाक विभाग ने 53 साल बाद लॉन्च किया डिजिपिन, 16 मीटर के दायरे में बताएगा सटीक पता, जानें फायदे

Postal Department Update : डाक विभाग ने 53 साल बाद डिजिपिन लॉन्च किया। यह डिजिपिन 16 मीटर के दायरे में एक्यूरेट लोकेशन बताता है। यह एक डिजिटल एड्रेस है। इसकी खास बात यह है कि कोई भी डाक विभाग की वेबसाइट पर जाकर डिजिपिन बना सकता है।

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Rajasthan jodhpur Postal Department Launched DIGIPIN after 53 Years it will tell exact address within a radius 16 meters

फोटो पत्रिका

Postal Department Update : डाक विभाग ने देशभर में 1972 में पिनकोड (पोस्टल इंडेक्स नम्बर) लॉन्च किया था, ताकि किसी भी पते (एड्रेस) पर डाक सेवाएं आसानी से पहुंचाई जा सके। अब 53 साल बाद विभाग ने डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नम्बर (डिजिपिन) जारी किया है, जो 16 मीटर के दायरे में एक्यूरेट लोकेशन बताता है। यह एक डिजिटल एड्रेस है। डिजिपिन 10 डिजिट का एल्फान्यूमेरिक नम्बर है, जो डाक विभाग की वेबसाइट से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह के लिए जनरेट कर सकता है।

शेयर किया जा सकेगा डिजिपिन

डिजिपिन को क्यूआर कोड के रूप में शेयर किया जा सकेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर वह एक्यूरेट एड्रेस पर पहुंचेगा। हालांकि डाक विभाग अपने डाकिये के लिए अब एक ऐप भी लॉन्च करने वाला है, जो सीधा डिजिपिन को स्कैन कर सकेगा। वर्तमान में चला आ रहा छह अंक का पिनकोड सिस्टम बना रहेगा।

डिलिवरी पोस्ट ऑफिस के लिए था पिनकोड

डाक विभाग ने आईआईटी हैदराबाद और इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र के सहयोग से डिजिपिन विकसित किया है,जो अक्षांश और देशांतर के आधार पर भौगोलिक स्थिति बताता है। वर्तमान में चला आ रहा पिनकोड, दरअसल डाक विभाग के डिलिवरी पोस्ट ऑफिस का कोड होता है जो बड़े क्षेत्र को दर्शाता है जबकि डिजिपिन एक विशिष्ट पहचान है। डिजिपिन से डिलीवरी सेवाओं, आपातकालीन प्रतिक्रिया, और स्मार्ट सिटी प्रबंधन में क्रांतिकारी सुधार संभव होगा।

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यहां से जनरेट करें डिजिपिन

डिजिपिन को जानने के लिए httpsÑ// dac. indiapost. gov. in/ mydigipin/ home पोर्टल पर जाकर अपने स्थान को चिन्हित कर सकते हैं। इसके लिए जीएनएसएस युक्त स्मार्टफोन या डिवाइस की सहायता से अपने स्थान का लैटीट्यूड और लॉन्गिट्यूड जानना आवश्यक है, जिसे सिस्टम एक कोड में बदल देता है। डाक विभाग इसे ‘एड्रेस एज़ अ सर्विस (आस)’ के रूप में विकसित कर रहा है, जिससे सरकारी व निजी संस्थान भी इसका लाभ उठा सकें। विभाग जल्द ही एक मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च करेगा, जिससे डिजिपिन को खोजना और उपयोग करना और अधिक सरल हो जाएगा।

यह एक डिजिटल एड्रेस

डिजिपिन लोकेशन आधारित दस अंक का कोड है। यह एक डिजिटल एड्रेस है। गली-मौहल्ले, सड़क अथवा मार्ग का नाम बदल सकता है लेकिन उसके डिजिपिन वही रहेगा।
आरएस रघुवंशी, निदेशक (डाक सेवाएं), पश्चिमी क्षेत्र डाक परिमण्डल, जोधपुर

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