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जोधपुर की सीमा के सामने कुछ नहीं मेरठ की मुस्कान, ऑफिसर पति के 12 टुकड़े कर सीवर में डाले थे

Meerut Murder: मेरठ हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लेकिन ऐसा ही केस राजस्थान में भी सामने आ चुका है।

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Saurabh Murder Case: मेरठ हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। खुद की पसंद से शादी करने के बाद भी पति की इतने क्रूर तरीके से हत्या करने की वारदात ने सभी को चौंका दिया है। लेकिन ऐसा केस मेरठ ही नहीं राजस्थान में भी सामने आ चुका है। वह केस तो मुस्कान केस से भी ज्यादा खतरनाक इसलिए था, क्योंकि पत्नी ने अपने समलैंगिक संबधों के लिए अपने अफसर पति के 12 टुकड़े कर दिए थे। सीवर की सफाई करने वाले स्वीपर को काली थैली मिली थी। उसमें बॉल जैसा कुछ था। उसने खोला तो उसमें से आदमी की खोपड़ी निकली। उसके बाद दो दिन तक शहर में कभी सीवर से तो कभी नाली से मानव शरीर के 12 टुकड़े मिले। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़कर केस खोला तो इतिहास का सबसे खौफनाक केस बन गया। इस केस का खुलासा जोधपुर पुलिस ने किया था। मामला अगस्त 2020 का था।

सिर्फ 27 साल का था सुनील चौधरी, इकलौती संतान … कृषि विभाग में अफसर था

जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान सुशील चौधरी के रूप में हुई थी जो सिर्फ 27 साल का था। वह कुछ समय पहले ही कृषि विभाग में एएओ के पद पर नियुक्त हुआ था। उसकी शादी 2013 में सीमा नाम की महिला से हुई थी, लेकिन गौना नहीं हुआ था। सीमा अपने पति के साथ वैवाहिक संबंध नहीं बनाना चाहती थी, क्योंकि उसके एक महिला के साथ समलैंगिक संबंध थे। यही कारण था कि शादी के सात साल तक सीमा अपने पति से दूर रही और वह ऐसी कहानियां बनाती रही कि पति सात साल तक उसे टच तक नहीं कर सका।

पति ने दबाव बनाया तो खुदखुशी करने की सोची, लेकिन बहनों ने राय दी कि जीजा को ही मार देते हैं

पुलिस के मुताबिक, सीमा अपने पति के लगातार दबाव से तंग आ चुकी थी। उसने अपनी बहनों प्रियंका और बबीता तथा दोस्त भीयाराम के साथ मिलकर सुशील को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। दो दिन पहलेए, सीमा ने सुशील को बहाने से घर बुलाया और उसे नशीला पदार्थ मिलाकर शराब पिलाई। जब सुशील बेहोश हुआ, तो चारों ने मिलकर उसका गला घोंट दिया। सीमा ने पुलिस को बताया कि वह पति से तंग आ चुकी थी और खुद मरना चाहती थी, लेकिन बहनों ने कहा कि जीजा को ही मार देते हैं। हमेशा की परेशानी खत्म हो जाएगी।

शरीर के टुकड़े कर फेंक दिए सीवर में

हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने पत्थर काटने वाले इलेक्ट्रिक कटर का इस्तेमाल कर शरीर के टुकड़े कर दिए। इन टुकड़ों को प्लास्टिक बैग में भरकर तीन अलग.अलग जगहों पर फेंका। दो दिन बाद, नांदड़ी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मानव अंग मिलने से मामले का खुलासा हुआ।

पुलिस ने ऐसा सुराग खोजा कि केस खुलता चला गया

प्लास्टिक बैग पर छपे दुकान के नाम से पुलिस को सुराग मिला। जब दुकानदार से पूछताछ की गई, तो उसने सुशील की पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस ने सीमा और उसकी बहनों पर शक गहराया। पूछताछ में तीनों बहनों और भीयाराम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। सीमा का अपनी एक सहेली के साथ संबध थे। इस बारे में उसकी बहनों को भी पता था। सीमा ने पुलिस को बताया कि वह शुरू से ही पति सुनील को पसंद नहीं करती थी। इस घटना के खुलासे के बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया। सुनील के बुजुर्ग माता-पिता अपने इकलौते जवान बेटे को खोने के बाद से आज भी इस सदमे से नहीं उबर सके हैं।