
Rajasthan Dams: इस बार मानसून ने जमकर मेहरबानी दिखाई, लेकिन यह बिलाड़ा के जसवंतसागर बांध तक ही सीमित रह गई। जसवंतसागर बांध 17 साल बाद ओवरफ्लो हुआ है। वहीं सिंचाई विभाग के चार बांध अच्छी बारिश के बावजूद भी सूखे रह गए। पानी की आवक के रास्तों में अतिक्रमण के चलते इन बांधों तक बारिश का पानी नहीं पहुंच पाया। कुछ बांधों के कैचमेंट एरिया में तो किसानों ने फसल बो रखी है।
जोधपुर के पास स्थित सुरपुरा बांध के एक हिस्से में जलदाय विभाग की दो डिग्गियां हैं। उनमें जलापूर्ति के लिए पानी रखा है। इनमें नहर का पानी आता है। दो डिग्गियां पूरी भरी हुई हैं। इनके पास ही बांध का एक हिस्सा सिंचाई विभाग के पास है। उसमें बारिश का पानी एकत्र होता है, लेकिन इस बार अच्छी बारिश के बावजूद यहां गड्ढे जितना भी पानी नहीं आ पाया।
सिंचाई विभाग का यह बांध भी इस बार पूरी तरह से सूखा पड़ा है। निगरानी के लिए सिंचाई विभाग का कर्मचारी भी मौके पर रहता है, लेकिन पानी की आवक को निर्बाध नहीं बना पाने से एक बूंद भी पानी नहीं आ पाया। इससे से ज्यादा पानी तो पास की सड़क के गड्ढों में पड़ा है।
मानसून की पहली बारिश में इस बांध में पानी आया था, लेकिन अब यह पूरी तरह सूखा पड़ा है। आसपास खेती होने से बांध में पानी की आवक पूरी तरह बाधित है। सिंचाई विभाग इसकी देखरेख कर रहा है, लेकिन इस बार अच्छी बारिश के बावजूद भी इसमें पानी नहीं आ पाया।
जोजरी नदी पर जालिवाड़ा से पहले घोडावट में कच्चा बांध बना है। उसमें जल भराव होने से चादर चलने के बाद पानी जालिवाड़ा बांध में आता हैं। इस बांध को बनाने के पीछे पीपाड़सिटी शहरी क्षेत्र को बाढ़ से बचाना है। जोजरी नदी पीपाड़सिटी आबादी क्षेत्र से गुजरती है। अभी बांध में पानी नहीं आया है।
सिंचाई विभाग का जसवंतसागर लबालब भरा हुआ है, लेकिन सुरपुरा, बिसलपुर, बिराई व जालिवाड़ा बांध में पानी नहीं आया है। अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश का प्रवाह अलग-अलग रहा है। जसवंतसागर में अजमेर और नागौर जिले के नदी-नालों का पानी पहुंचा है।
Published on:
15 Sept 2024 09:43 am
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