scriptऱाजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता की हकदार: जस्टिस भाटी | Rajasthani language deserves constitutional recognition: Justice Bhati | Patrika News

ऱाजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता की हकदार: जस्टिस भाटी

locationजोधपुरPublished: Feb 21, 2021 11:40:08 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं कला के क्षेत्र की दस प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

ऱाजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता की हकदार: जस्टिस भाटी

ऱाजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता की हकदार: जस्टिस भाटी

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा संविधानिक मान्यता की हकदार है, उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान मिलना ही चाहिए। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र, मेहरानगढ़, बाबा रामदेव शोधपीठ, राजस्थानी विभाग जेएनवीयू एवं इण्टैक जोधपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को ‘प्राथमिक शिक्षा में मायड़ भाषा रौ मैतवÓ विषयक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जस्टिस डॉ. भाटी ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए राजस्थानी भाषा को संविधानिक मान्यता मिलनी ही चाहिए। इसके लिए प्रयास लगातार होना चाहिए। वो दिन दूर नहीं जब राजस्थानी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में 23 वां स्थान अवश्य प्राप्त करेगी।
समारोह अध्यक्ष जेएनवीयू कुलपति प्रो. (डॉ) प्रवीणचन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि बच्चों को मातृ भाषा सीखने की प्रेरणा देनी चाहिए। अपनी मातृ भाषा को सदैव महत्व देना होगा और संवैधानिक मान्यता के समन्वित प्रयास करने होंगे।
मुख्य वक्ता एवं कवि आलोचक डॉ. आईदानसिंह भाटी ने प्राथमिक शिक्षा में मातृ भाषा का महत्व प्रकट करते हुए कहा कि बच्चों को मातृ भाषा में शिक्षा देकर हम परिवेश को बदल सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा में मातृ भाषा को लाने के लिए लोक प्रचलित शब्दावली, उच्चारण तथा व्याकरण की विशिष्टता के साथ आधुनिक बोध को स्वीकार करना होगा। मातृ भाषा में शिक्षा से ही बच्चों का मानसिक विकास संभव है। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केन्द्र के विभागाध्यक्ष डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर ने स्वागत उद्बोधन एवं बाबा रामदेव शोधपीठ के निदेशक डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने वर्तमान में राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए किए जाने वाले प्रयासों से अवगत कराया। पूर्व सांसद गजसिंह की ओर से आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की गई।
इनका हुआ सम्मान –
समारोह में राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए नाहरसिंह जसोल, डॉ. मनोहरसिंह राठौड़, डॉ. जेबा रशीद, चांदकौर जोशी, बसन्ती पंवार, श्याम सुन्दर भारती, किशन गोपाल जोशी, डॉ. भवानीसिंह पातावत, डॉ. इन्द्रदान चारण एवं सीमा राठौड़ का सम्मान किया गया। राजस्थानी साहित्यकारों की ओर से जेएनवीयू कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी का अभिनंदन किया गया। संचालन डॉ. गजेसिंह निम्बोल व आभार राजस्थानी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी बोराणा ने जताया। संगोष्ठी में प्रो. जहूर खां मेहर, गोपालसिंह भाटी, डॉ. भंवरलाल सुथार, मोहनसिंह रतनू, गिरधरदान दासोड़ी, सत्यदेव संवितेन्द्र, जेएम बूब,, डॉ. शक्तिसंह खाखड़की सहित राजस्थानी भाषा प्रेमी, शोधार्थी, विद्यार्थीं सम्मिलित हुए
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो