जोधपुर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संस्थाएं जातरुओं के लिए पिछले कई दशकों से लगातार नि:शुल्क भोजन, चाय, नाश्ता, चिकित्सा शिविर, दवाइयों, विश्राम स्थलों का नि:शुल्क प्रबन्ध करती हैं, लेकिन लगातार दूसरे वर्ष भी कोविड गाइडलाइन के चलते जातरु इस बार भोजन व विश्राम सुविधाओं से वंचित रहेंगे। जगह-जगह भव्य भक्तिसंध्या और भक्तिगीतों पर थिरकते जातरुओं का नजारा भी नहीं दिखेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग की पालना चुनौतीपूर्ण रामदेवरा और मसूरिया बाबा मंदिर में दर्शन खुले रहने से गत वर्ष की तुलना में जातरुओं की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ पैदल व दुपहिया वाहनों पर आने वाले जातरुओं को रोकना जिला प्रशासन के लिए चुनौतिपूर्ण होगा।
होगी वैकल्पिक व्यवस्था कोरोना गाइडलाइन की पालनार्थ इस साल जोधपुर में राम रसोड़ों का संचालन नहीं किया जाएगा। जातरुओं के लिए भोजन पैकेट की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार-विमर्श चल रहा है। हर साल बाबा की बीज पर रावण चबूतरा मैदान में होने वाली राज्य स्तरीय भव्य भजन संध्या इस बार भी नही होगी।
-करण सिंह राठौड़, राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा रामदेव समाज सेवा संस्थान जोधपुर
प्रतिदिन 600 से अधिक जातरू मसूरिया में बाबा रामदेव मंदिर परिसर में जातरुओं के लिए किसी भी तरह का राम रसोड़ा संचालित नहीं होगा। इन दिनों प्रतिदिन 600 से अधिक जातरू मसूरिया मंदिर में आने लगे है। मंदिर में कोविड गाइडलाइन पालना के साथ ही दर्शन व्यवस्था की गई है।
नरेन्द्र चौहान, अध्यक्ष, बाबा मंदिर पीपा क्षत्रिय समस्त न्याति ट्रस्ट