
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan News: राजस्थान के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जोधपुर में बीजेपी विधायक भैराराम सियोल के महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयान का समर्थन किया और इसे सामाजिक विडंबना करार दिया। भाटी ने विधानसभा में कैमरों की स्थापना और चल रही सियासी बयानबाजी पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 2019 से 2022 के बीच छात्र राजनीति के दौरान उन पर दर्ज मुकदमों में कोर्ट द्वारा बरी किए जाने पर न्यायपालिका के प्रति आस्था जताई।
रविंद्र सिंह भाटी सोमवार को जोधपुर एक पुराने मामले की सुनवाई को लेकर पहुंचे थे। यह सुनवाई 2019 से 2022 के बीच छात्र राजनीति के दौरान उन पर दर्ज मुकदमों से संबंधित थी। जोधपुर की अदालत ने भाटी को इन मामलों में दोषमुक्त कर दिया। सुनवाई के बाद सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में भाटी ने कहा कि मुझे शुरू से ही न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। आज सच की जीत हुई है और कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया।
ओसियां से बीजेपी विधायक भैराराम सियोल ने हाल ही में महिलाओं के घर छोड़कर भागने और विवाह करने की घटनाओं पर बयान दिया था, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। सियोल ने कहा था कि तीन-तीन बच्चों की मां भी तेज रफ्तार से भागकर विवाह कर रही हैं। ऐसी घटनाओं से समाज, संस्कृति और परिवार की नींव पर बुरा असर पड़ रहा है। माता-पिता व परिजन अपनी व्यथा लेकर मेरे पास आते हैं। यह सुनकर मैं बेहद दुखी हूं।
इस बयान का समर्थन करते हुए रविंद्र भाटी ने कहा कि यह वाकई में एक बड़ी विडंबना है। लड़कियां और शादीशुदा महिलाएं घर छोड़कर भाग रही हैं, जिसका उनके माता-पिता और परिवार पर गहरा असर पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए एक सख्त कानून की जरूरत है। भाटी ने इस मुद्दे को सामाजिक चिंता का विषय बताया।
विधानसभा में कैमरों की स्थापना को लेकर चल रही सियासी बहस पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में कैमरे कोई नई बात नहीं हैं, पहले भी लगे हुए थे। हम तो चाहते हैं कि 100 कैमरे लगें, ताकि राजस्थान की 8 करोड़ जनता को विधानसभा की कार्यवाही की सीधी जानकारी मिले। भाटी ने पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि इससे जनता को अपने प्रतिनिधियों की गतिविधियों का स्पष्ट अंदाजा होगा।
राजस्थान की राजनीति में चल रही बयानबाजी पर टिप्पणी करते हुए भाटी ने कहा कि यह स्तरहीन हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की राजनीति की तासीर इतनी निम्न कभी नहीं रही। वरिष्ठ नेताओं को संयम बरतना चाहिए। खासकर, विधानसभा में महिलाओं की संख्या पहले ही कम है और उन पर टिप्पणी करना पूरे राजस्थान की जनता पर टिप्पणी करने जैसा है। ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए।
Published on:
16 Sept 2025 01:35 pm
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