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नेक्ट्रोटिसिंग रोगी का उपचार कर दिलाई राहत

locationजोधपुरPublished: Oct 15, 2021 11:38:54 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
एमजीएच प्रशासन ने कहा – आइसीयू में एनेस्थेसिया टीम के बेहतर उपचार का नतीजा
वल्र्ड एनेस्थेसिया डे आज

नेक्ट्रोटिसिंग रोगी का उपचार कर दिलाई राहत

नेक्ट्रोटिसिंग रोगी का उपचार कर दिलाई राहत

जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल में नेक्ट्रोटिसिंग पेंक्रिटाइटिस रोग से ग्रसित गंभीरावस्था में आए डालीबाई चौराहा निवासी 39 वर्षीय हेमन्त शर्मा का हॉस्पिटल की चिकित्सकीय टीम ने ऑपरेशन व आइसीयू में बेहतर केयर देकर नया जीवन दान दिया।
एमजीएच की अधीक्षक डॉ राजश्री बेहरा ने बताया कि हेमन्त शर्मा अहमदाबाद में कार्य करता है। इन्हें बहुत ही सीरियस हालत में 10 सितम्बर को इमरजेंसी में लाया गया। चिकित्सकों ने तुरंत जांच कर 12 सितम्बर को इनका ऑपरेशन कर बहुत ही नाजुक हालत में आइसीयू में शिफ्ट किया और वेंटिलेटर पर रखा । उस समय उनके महत्वपूर्ण अंग लगभग खराब हो चुके थे। बीमारी में उनकी किडनी के भी शामिल हो जाने से कार्डियक सपोर्ट देते हुए हेमोडायलिसिस व प्रभावी वेंटिलेटर मैनेज किया । इसके साथ ही बारह दिन बाद ट्रेकियोस्टोमी की गई और 28 दिन पश्चात इसको बन्द कर दिया गया । डॉ बेहरा ने बताया कि आज के दिन हेमन्त शर्मा वेंटिलेटर व डायलसिस से मुक्त होकर स्वस्थ है और अपना निर्धारित भोजन करने के साथ उनके महत्वपूर्ण अंग भी अच्छे फं क्शनल है। टीम में एनेस्थीसिया हैड डॉ एमएल टाक,आईसीयू इंचार्ज डॉ नवीन पालीवाल, डॉ रश्मि, डॉ करेंन, डॉ शर्मिला, डॉ अंकुर, डॉ कृतिका जोशी एवं नर्सिंग स्टाफ मालती, मंजू व प्राची का सहयोग रहा।
जानिए क्या हैं रोग

उल्लेखनीय है कि जब किसी व्यक्ति को नेक्ट्रोटिसिंग अग्नाशयशोध रोग होता है तो बैक्टीरिया मूल ऊतक में फैल सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है । अग्नाशय पेट के पीछे का एक अंग है जो भोजन पचाने में मदद करने के लिए एंजाइम बनाता है। जब अग्नाशय स्वस्थ होता है तो एंजाइम छोटी आंत में जाते है ।

पर्दे के पीछे नहीं, अब लीड में है एनेस्थेसिया
कोविडकाल में गंभीर मरीजों की जान बचाना हो या फिर उनकी सारसंभाल करना हो, सभी में एनेस्थेसिया चिकित्सकों ने सबसे बेहतर कार्य किया। आज के दौर में एनेस्थेसिया पर्दे के पीछे नहीं रहा, लीड रोल में है। आइसीयू, ट्रोमा समेत तमाम आपात इकाई में मेडिकल की नई विधाओं से एनेस्थेसिया सभी विभाग के चिकित्सक के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। इस वर्ष की थीम बच्चा व एनेस्थेसिया ली गई है, जिसमें गर्भवती मां व शिशु के स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखते हुए उनकी गर्भावस्था व सर्जरी में दोनों के सुरक्षित निश्चेतना के सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
– डॉ. विकास राजपुरोहित, ट्रोमा सेंटर इंचार्ज, एमडीएम अस्पताल

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