scriptराज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह में हिन्दी एवं राजस्थानी के साहित्यकारों का सम्मान | Respect of Hindi and Rajasthani writers at state level festive gatheri | Patrika News

राज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह में हिन्दी एवं राजस्थानी के साहित्यकारों का सम्मान

locationजोधपुरPublished: Sep 03, 2018 01:14:53 am

Submitted by:

Nandkishor Sharma

जोधपुर । हिन्दी के जाने माने उपन्यासकार महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति व उपन्यासकार विभूति नारायण राय ने कहा कि वर्तमान में मनुष्यता का गौरव संकट के दौर से गुजर रहा है। तर्क और विवेक को दरकिनार के दौर में साहित्यकारों-लेखकों के समक्ष चुनौतियां बढ़ गई है। आस्था के नाम भीड़ की ओर से किसी को भी पीटा जा सकता है। अरबन नक्सलाइट घोषित कर देश के बुद्धिजीवियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। जिस संविधान ने हमारी धार्मिक सहिष्णुता और धर्म निरपेक्षता को जीवित रखा वह आज संकट में है। रविवार सुबह कथा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान जोधपुर की ओर से रातानाडा स्थित होटल सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय कथा अलंकरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राय ने कहा कि साहित्य मनुष्य को बचाने का उपक्रम है। ऐसे में साहित्यकारों को अपनी रचना धर्मिता के जरिए इंसानियत को बचाने का उपक्रम करना चाहिए ।

Respect of Hindi and Rajasthani writers at state level festive gatheri

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समारोह अध्यक्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. अर्जुन देव चारण ने कहा कि अलंकरण समारोह सर्जना की प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है। कवि को सृष्टा माना गया है। एक अच्छा लेखक कवि मानव सुख दुख की पीड़ा को जुबान प्रदान करता है। समाज के विद्रूप होते चेहरे को सामने लाते हुए परिवर्तन का शंखनाद फूंकने की जरूरत है। लेखक जिस परिप्रेक्ष्य के लिख रहा है वह पाठक तक पहुंचना चाहिए । विशिष्ट अतिथि समकालीन हिन्दी के कथाकार-उपन्यासकार हिन्दी अकादमी दिल्ली के पूर्व सचिव डॉ. हरिसुमन बिष्ट ने कहा कि जो समाज अपने लेखकों, कलाकारों का सम्मान करता है वह समाज निरंतर प्रगति करता है। सोशियल मीडिया की चीज़े हमें दूर तक नहीं ले जाएंगी जन साहित्य ही आगे बढ़ाने में सक्षम है। इसके लिए संवेदना को लेकर साहित्य रचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो समाज अपने लेखकों व कलाकारों का सम्मान करता है वही समाज विकास करता है ।कथा संस्थान इस दिशा महत्वपूर्ण कार्य कर रही है । व्यंग्यकार फारूख आफ रीदी ने कहा कि समाज के धु्रवीकरण की स्थितियां,साम्प्रदायिकता तथा असहिष्णुता के इस संकट के दौर में समाज को भी आगे आकर प्रतिरोध में खड़े होने की जरूरत है। साहित्य के बिना मनुष्यता का कोई मोल नहीं है। मनुष्यता की गरिमा साहित्यकारों की बदौलत ही है। कथा संस्थान के संस्थापक सचिव मीठेश निर्मोही ने अतिथियों के व्यक्तित्व और कृतित्व को रेखांकित किया। उन्होंने भविष्य में उर्दू साहित्यकार को भी सम्मानित करने की घोषणा की। समारोह में हबीब कैफ ़ी, विजय सिंह नाहटा, डॉ पद्मजा शर्मा,ओम भाटिया,नवीन बोहरा,भानुमित्र,हरिप्रकाश राठी, कल्पना जैन, संगीत जैन,गजेसिंह राजपुरोहित, दशरथ सोलंकी, माधव नागदा,माधव राठौड़,गौतम अरोड़ा, सैय्यद मुनव्वर अली,शीन मीम हनीफ, सोहनदान चारण, हरिदास व्यास आदि साहित्य जगत से जुड़े लोग उपस्थित रहे राज्यस्तरीय कथा अलंकरण समारोह में हिन्दी एवं राजस्थानी के साहित्यकारों, साहित्यिक पत्रिकाओं के लेखकों को अलंकृत किया गया।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में जेएनवीयू प्रो. डॉ. सत्यनारायण को उनके समग्र लेखन पर सूर्यनगर शिखर सम्मान, हिन्दी कवियत्री उदयपुर की प्रीता भार्गव को नन्द चतुर्वेदी कविता सम्मान प्रदान किया गया। उनकी अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि ने पुरस्कार ग्रहण किया। करौली के कथाकार चरणसिंह पथिक को पंडित चन्द्रधर शर्मा गुलेरी कथा सम्मान, कथाकार दिनेश पंचाल डूंगरपुर को रघुनंदन त्रिवेदी कथा सम्मान, राजस्थानी कवि कोटा के डॉ ओम नागर को सत्यप्रकाश जोशी कविता सम्मान, राजस्थानी कथाकार हनुमानगढ़ के रामेश्वर गोदारा को सांवर दइया कथा सम्मान तथा बीकानेर के डॉ नीरज दइया को डॉ नारायणसिंह भाटी अनुवाद सम्मान से अलंकृत किया गया। समारोह में पत्रकार भुवनेश जैन संपादक राजस्थान पत्रिका को गोवद्र्धन हेड़ाऊ रचनात्मक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया गया। उनकी अनुपस्थिति में प्रतिनिधि ने पुरस्कार ग्रहण किया। फोटो पत्रकार शिव वर्मा को सूरज एन शर्मा फोटो पत्रकारिता सम्मान, कवि व कथाकार कांकरोली के कमर मेवाड़ी को प्रकाश जैन लहर साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान तथा दुलाराम सहारण को पारस अरोड़ा अपरंच राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया गया।
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