मुख्य न्यायाधीश एस.रविंद्र भट्ट (Chief Justice S. Ravindra Bhatt) तथा न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ ने खाजूवाला निवासी कृष्णराम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजीत पुरोहित एवं हेमंत बल्लानी ने कोर्ट को बताया कि खाजूवाला कस्बे के चारों ओर एक किमी से कम दूरी पर दर्जनों की संख्या में अवैध ईंट भट्टे संचालित किए जा रहे हैं, जिससे कस्बे में वायु और मृदा प्रदूषण से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि कस्बे के चारों ओर 54 से ज्यादा ईंट भट्टे हैं, लेकिन उपखंड कार्यालय के अनुसार केवल 42 लोगों ने ही भूमि रूपांतरण करवा रखा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सूचना के अनुसार केवल 11 ईंट भट्टों को ही स्थापना और संचालन की सम्मति जारी की गई है, जबकि नियमानुसार पर्यावरणीय सम्मति के बिना ईंट भट्टों का संचालन नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि खान विभाग ने सूचना के अधिकार के तहत बताया कि केवल 32 ईंट भट्टों को ही परमिट जारी किए गए हैं। अधिकांश ईंट भट्टे अवैध होने के साथ-साथ आबादी इलाके से केवल तीन-चार सौ मीटर की दूरी पर ही संचालित किए जा रहे हैं, जिन्हें बंद करने की मांग की गई है।