
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जोधपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में सोमवार को एडवांस्ड रोबोटिक लक्ष्यीकरण प्रणाली स्थापित की गई। एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. माधबानंद कार की उपस्थिति में इसे शुरू किया गया। इसका उपयोग पैट व सीटी आधारित बायोप्सी के लिए किया जाएगा। राजस्थान में अपनी तरह की यह पहली सुविधा है। न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि रोबोटिक सिस्टम छोटे और गहरे कैंसर के घावों में पेट-छाती संबंधी बायोप्सी के लिए ट्यूमर का सटीक लक्ष्यीकरण करता है।
हाईडोज रेडियोन्यूक्लाइड थैरेपी वार्ड भी बनेगा
डॉक्टरों ने बताया कि विभाग में हाईडोज रेडियोन्यूक्लाइड थैरेपी वार्ड का निर्माण शुरू हो गया है। इसी साल के अंत तक इसके तैयार होने की उम्मीद है। इस हाईडोज रेडियोन्यूक्लाइड थैरेपी वार्ड में आठ बेड होंगे और यह देश में आंतरिक रोगी उपचार सुविधा के सबसे बड़े वार्ड में से एक होगा। थायरॉइड कैंसर और अस्पताल में भर्ती उच्च खुराक रेडियोन्यूक्लाइड उपचार की आवश्यकता वाले कई अन्य कैंसर रोगियों के लिए थैरेपी वार्ड सुविधा बहुत फायदेमंद होगी।
घाव की पहचान
यह प्रणाली सक्रिय घाव की एक सटीक बायोप्सी निदान के समय को कम करने में भी मदद करती है। यह सुई चुभने की संख्या, प्रक्रिया समय, रोगी को दर्द और विकिरण जोखिम को कम करने में मदद करती है। सबसे पहले, मरीज का पूरे शरीर का सीटी स्कैन होगा और घाव की पहचान की जाएगी।
Published on:
28 Mar 2023 12:00 pm
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