जोधपुर में 123 साल पहले संचालित होती थी सफ ाई की नैरोगेज ट्राम गाड़ी
जोधपुरPublished: May 12, 2021 10:50:56 am
रेल को खींचने का कार्य करते थे भैंसे,
सन 1897-98 में शहर में कचरा इक_ा करने के लिए थे पांच डिपो
जोधपुर स्थापना दिवस पर विशेष
जोधपुर में 123 साल पहले संचालित होती थी सफ ाई की नैरोगेज ट्राम गाड़ी
जोधपुर. जोधपुर के प्राचीन परकोटे के भीतरी शहर में मैला ढोने के लिए 1897-98 में आठ किमी लम्बी रेलवे लाईन डाली गई और ‘ट्राम लाईन का निर्माण किया गया। इस रेल को खींचने का कार्य भैंसे (पाडे) किया करते थे। बाद में इस गाड़ी को ईंधन से खींची जाने लगी। सन् 1949 ई. तक सफ ाई की इस नैरोगेज ट्राम गाड़ी का रास्ता सिंवाची गेट कालिया दुक्का पर बने सार्वजनिक शौचालयों से प्रारम्भ होकर बाईजी का तालाब, सोजती गेट, स्टेडियम, उदयमंदिर, महामंदिर से होते हुए भदवासिया तक था। शहर में कचरा इक_ा करने के लिए पांच डिपो थे। यह ट्राम गाड़ी 1960 तक जोधपुर नगर की सफ ाई का कार्य करती रही। ट्राम गाड़ी को विभिन्न कारणों से 1960 ई . में बन्द कर दिया गया। तत्कालीन जोधपुर नगर पालिका ने नगर में सीवरेज लाईनों का निर्माण 1935 ई. में शुरू किया गया। 1935 ई. में भीतरी शहर के कई इलाकों में सीवरेज लाईनें बिछाई गई और इस प्रकार जोधपुर नगर का विकास होता गया। नगर की गंदगी को दूर ले जाने के लिए मैलागाड़ी की लाईन परकोटे के दीवार के पास बनवाई गई जो प्रतिदिन दिन में दो बार महामन्दिर से उत्तर में भदवासिया के खाली मैदानों में मैला डाल आती थी।