एलओसी पर ग्लाइडिंग करने वाले एकमात्र सिविलियन है समर्थ
- जोधपुर में पहाड़ी क्षेत्रों का करा रहे एहसास, हवा में उडकऱ शौक कर रहे पूरा
- मेक इन इंडिया: हेंग व पेरा ग्लाइडर को उड़ाने में काम आने वाली टो विंच मशीन बनाई

जोधपुर।
खुले आसमां में परिन्दों को उड़ते हुए तो देखा होगा लेकिन इंसान भी परिन्दों की तरह उडकऱ अपना जुनून पूरा करे तो हैरानी की बात नहीं होगी। जमीन से आसमान की दूरियों का नापने को अपने शौक को पूरा कर रहे है समर्थ शर्मा। अपना शौक पूरा करने के साथ ही समर्थ जोधपुर में कुल्लू, मनाली जैसे पहाड़ी क्षेत्रों का एहसास भी करा रहे है। समर्थ हेंग व पेरा ग्लाइडिंग को उड़ाने में काम में आने वाली मशीन ग्लाइडर टो-विंच मशीन खुद बनाकर मेक इन इंडिया को प्रमोट कर रहे है। पिछले करीब 15 वर्षो से पेरा व हेंग ग्लाइडिंग कर रहे समर्थ अब तक कई देशों में प्रदर्शन कर चुके है। भारत-पाक सीमा पर स्थित एलओसी पर पेरा ग्लाइडिंग करने वाले एकमात्र आम नागरिक है। पेरा और हेंग ग्लाइडिंग में वर्तमान में देश के एकमात्र सिविल सक्रिय हेंग ग्लाइडर प्रशिक्षक है।
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मशीन अमरीका-यूरोपीय देशों में प्रचलित
ग्लाइडर टो विंच मशीन है, जो समतल मैदान में हेंग ग्लाइडर और पैरा ग्लाइडर को उड़ाने में काम आती है। यह मशीन जीप पर लगाई जाती है और एक कांस्टेंट प्रेशर पर ग्लाइडर को हवा में उड़ाती है। इस तरह की मशीन अमरीका, यूरोप व रुस के समतल मैदानी इलाकों में इस्तेमाल की जाती है । इस मशीन में ऑटो कैलिब्रेशन करने की क्षमता है, इससे पूर्ण सुरक्षा के साथ एक ग्लाइडर को हवा में उड़ाया जा सकता है।
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ग्लाइडिंग के लिए राजस्थान अनुकूल, बन सकता है पर्यटन का हब
देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में समतल भूमि की अधिकता है, ऐसे में यहां ग्लाइडिंग अनुकूल है। बाहरी राज्यों में मौसम की अनुकूलता के अनुसार ग्लाइडिंग होती है, जबकि यहां सभी मौसम और समतल भूमि होने के कारण ग्लाइडिंग अनुकूल रहती है। जोधपुर सहित पूरा राजस्थान एडवेंचर ग्लाइडिंग व पर्यटन के लिए बड़ा हब बन सकता है।
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ग्लाइडिंग के प्रकार
पेरा ग्लाइडिंग- इसमें कपड़े के बने पैराशूट से ग्लाइडिंग की जाती है।
हेंग ग्लाइडिंग- इसमें कपड़े व एल्यूमिनियम के बने फ्रेम से ग्लाइडिंग की जाती है।
टो विंच- समतल भूमि में दोनों ग्लाइडर उड़ाने के अनुकूल।
टेण्डम पेरा ग्लाइडिंग - नौसिखियों व पर्यटकों को टेण्डम पेरा ग्लाइडिंग करवाई जाती है।
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