
Samrat Prithviraj : जोधपुर के गहलोत ने दिया सम्राट पृथ्वीराज में 523 तरह की पाग पगड़ियों को आकार..
जोधपुर. जोधपुर की युवा पीढ़ी अब बॉलीवुड में अपने हुनर और कला के दम पर कदम बढ़ा रही हैं । अक्षय कुमार , सोनू सूद , मानुषी छिल्लर , आशुतोष राणा , साक्षी तंवर स्टारर फिल्म सम्राट पृथ्वीराज में 523 तरह की पाग पगड़ियों को आकार देने में जोधपुर के साफा विशेषज्ञ डॉ अशोक गहलोत और उनकी युवा टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिल्म के निर्देशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि पृथ्वीराज जैसी फिल्म बनाने के लिए सभी विषयों पर शोध कार्य महत्वपूर्ण रहा । फिल्म के लिए 500 अलग - अलग पगड़ी बनाई गई थी । ये सभी उस समय के राजाओं , जनता , विभिन्न व्यवसायों के लोगों की ओर से पहनी जाने वाली पगड़ियों की प्रामाणिक प्रतिकृति थीं । सेट पर पगड़ी स्टाइल का एकमात्र विशेषज्ञ जोधपुर के डॉ. अशोक गहलोत ने पाग पगडि़यों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । डॉ. गहलोत के साफा बांधने की कला को देखकर बॉलीवुड के कलाकार भी उनके प्रशंसक बन गए।
चार दशक पहले म्यूजियम की वस्तु बन गए थे साफे
भारतीय संस्कृति की सनातन परंपरा में प्रागैतिहासिक काल से वर्तमान समय तक जनसामान्य की बदलती रुचि के अनुसार वेश भूषा के साथ शिरस्त्राण साफे पाग पगडि़यों में भी अनेक परिवर्तन हुए हैं । राजस्थान के विभिन्न भागों में पाग - पगड़ियां बांधने के अलग - अलग प्रकार प्रचलित रहे हैं । यहां पगड़ी से मनुष्य की जाति पहचानी जाती है । पगड़ी न केवल किसी के व्यवसाय को अपितु जीवन - स्तर को भी परिलक्षित करती है । आन बान की प्रतीक पगड़ी और साफे की परम्परा तेजी से खत्म होने के कारण तीन चार दशक पहले तो म्यूजियम में रखे जाने लगे थे। लेकिन राजस्थान की विशिष्ट पाग संस्कृति को अब धीरे धीरे पुन: नया जीवन मिलने लगा है।
फिल्म में भी मिला जोधपुरी टीम को क्रेडिट
डा चंद्र प्रकाश दिवेदी के निर्देशन में बनी फ़िल्म सम्राट पृथ्वीराज में लगभग 500 प्रकार की पाग पगड़ियां इमामा शमला, साफा व अफ़गानी पगड़ियां डिज़ायनर संजीव राजसिंह परमार के निर्देशन में बनायी गई। यशराज फ़िल्मस ने जोधपुर के साफा विशेषज्ञ डॉ. अशोक गहलोत व उनकी पूरी टीम के नाम का उल्लेख फिल्म के अंत मे किया है। डॉ अशोक गहलोत के साथ टीम सहयोगी के रूप में युवा प्रवीण कच्छवाहा, विकास परिहार, महेंद्र सिंह गहलोत, खुशवंत गहलोत, अमन कछावाह, मनोज कुमार, संतोष कुमार, सचिन कुमार भी साथ रहे।
दादा से सिखी कला, अब 18 युवाओं के लिए रोजगार
जोधपुर मशहूर है जोधपुरी साफो के लिए लेकिन अब साफो के साथ पाग पगडीयों मे भी जोधपुर के डां अशोक गहलोत देश विदेश में सूर्यनगरी का नाम रोशन कर रहे है । साधारण किसान परिवार से गहलोत ने राजस्थानी विषय में पीएचडी के बाद राजस्थानी संस्कृति से लगाव लुप्त होती पाग पगडीयों पर अध्ययन करना प्रारंभ किया । अपने दादाजी संतोक सिंह से प्रथम बार साफा बांधने की कला सीखी। धीरे धीरे लगन और रूचि के कारण आपने लगभग 1400 प्रकार की पगडीयों को बांधने में महारथ हासिल कर ली । सिर्फ फ़ोटो देखकर हुबहू पगडी तैयार करने में माहिर डॉ गहलोत की पाग पगड़ियां राजस्थान के कई म्यूजियमों में प्रदर्शित है । राजस्थानी पाग पगडि़यों के साथ गुजरात महाराष्ट्र पंजाब हरियाणा , यूपी, बिहार जम्मू कश्मीर व दक्षिण भारत की पगडि़यों मे भी पारंगत है । उनकी तैयार पगडियां भारत के अलावा इंग्लैंड अमरिका दुबई आस्ट्रेलिया इंग्लैंड अमेरिका केन्या नेपाल थाईलैंड मलेशिया इत्यादि कई देशों में समारोह की शोभा बनी है । उन्होंने डा सीपी दिवेदी निर्देशित फिल्म पृथ्वीराज में आपने 523 प्रकार की पाग पगड़ियाँ बनाकर कीर्तिमान बनाया है जो की जोधपुर के लिए गौरव की बात है।
43 प्रकार के नवीन प्रयोग भी
डॉ. गहलोत से साफा बाँधना सीखकर 18 युवा साफे का व्यवसाय कर रहे है व प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 150 से ज़्यादा परिवार रोज़गार प्राप्त कर रहे है। करीब 43 प्रकार के साफे ओर पाग पगडियों में डॉ. गहलोत की ओर से किए गए नवीन प्रयोग वर्तमान में हर साफे की दुकान पर देखे जा सकते है
Published on:
07 Jun 2022 11:14 am
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