बजट में हुई थी किले के संरक्षण की घोषणा- राज्य सरकार के बजट २०१९-२० में फलोदी के एेतिहासिक किले के संरक्षण की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद किले संरक्षण व फलोदी के पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीदें जगी है।फिर से किले में डाल रहे सामान- नगरपालिका द्वारा सालों से किले में रखे जा रहे कबाड़ को हटाने की दिशा में कुछ समय पूर्व कार्य किया गया था तथा यहां रखे अधिकांश कबाड़ को हटा लिया गया था। उसके बाद किले कई विशाल कार्यक्रम भी हुए थे, लेकिन नगरपालिका द्वारा अब यहां कई नए ठेले, खराब वाहन आदि रख दिए है। साथ ही किले के प्रवेश द्वार के पास बने कमरों में नगरपालिका वर्षों पुराना रिकॉर्ड भी पड़ा है। जिसे अब तक नहीं हटाया गया है।
शीघ्र शुरू हो किले का संरक्षण कार्य- किले संरक्षण के लिए पिछले लम्बे समय से कार्य कर रहे आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत थानवी ने बताया कि उनके द्वारा किले के आस अतिक्रमण हटाने, नगरपालिका द्वारा रखे गए सामान व रिकॉर्ड को हटाने, सुबह १० बजे से शाम ५ बजे तक प्रतिदिन किला खुला रखने सहित विभिन्न मांगों को लेकर शिकायत की गई है। उन्होंने किले के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर शीघ्र संरक्षण कार्य शुरू करने व यहां मिट्टी में दबी पुरा संपदा को बाहर निकालने के लिएउत्खनन की मांग की है।
संरक्षित स्मारक है किला- फलोदी का प्रचीन किला राजस्थान स्मारक, पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम १९६१ की धारा ३ के अन्तर्गत संरक्षित स्मारक/संरक्षित क्षेत्र है। इस संरक्षित स्मारक/क्षेत्र को किसी भी रूप में हानि पंहुचाने, नष्ट करने, विकृत करने, मूर्ति अभिलेख आदि हटाने पर अधिनियम की धारा १७ के तहत ३ वर्ष का कारावास या एक लाख रूपए तक के जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान है। (कासं)
इनका कहना है- किले में रखा नगरपालिका का सामान अन्यत्र स्थान मिलते ही हटा लिया जाएगा। सामान रखने के लिए जगह देख रहे है। अनिल विश्नोई, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका, फलोदी