मकर विलक्कू महोत्सव
रातानाडा स्थित अय्यप्पा मंदिर में मकर विलक्कू महोत्सव के उपलक्ष्य में शाम को दीपाराधना का आयोजन किया गया। दिन भरे चले धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान प्रवासी दक्षिण भारतीयों के साथ केरलवासी एवं अय्यप्पा सेवा संघम के सदस्यों ने भाग लिया। सचिव सतीश नायर ने बताया कि सुबह ५ बजे नर्माल्य दर्शन, गणपति हवन, भागवत पारायण तथा शाम ७ बजे महाआरती के बाद मंदिर कपाट बंद किए गए।
रातानाडा स्थित अय्यप्पा मंदिर में मकर विलक्कू महोत्सव के उपलक्ष्य में शाम को दीपाराधना का आयोजन किया गया। दिन भरे चले धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान प्रवासी दक्षिण भारतीयों के साथ केरलवासी एवं अय्यप्पा सेवा संघम के सदस्यों ने भाग लिया। सचिव सतीश नायर ने बताया कि सुबह ५ बजे नर्माल्य दर्शन, गणपति हवन, भागवत पारायण तथा शाम ७ बजे महाआरती के बाद मंदिर कपाट बंद किए गए।
ज़रूरतमंदों को बांटे कम्बल
अखिल भारतीय सैन भक्ति पीठाधीश्वर सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरि के सान्निध्य में जिले के खिंदाकोर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। इस मौके जरुरतमंद लोगों कम्बल, तेल, गुड़ तथा तिल से बने व्यंजनों का वितरण किया गया । गौशाला में दो क्विंटल लापसी वितरित की गई। सेवा शिविर में गंगासिंह भाटी, भोमसिंह, कालूसिंह, गेनसिंह, अशोक दुबे, बंशीलाल विश्नोई, बाबूलाल, सूरजाराम, रमेश आदि ने सहयोग किया।
अखिल भारतीय सैन भक्ति पीठाधीश्वर सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरि के सान्निध्य में जिले के खिंदाकोर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। इस मौके जरुरतमंद लोगों कम्बल, तेल, गुड़ तथा तिल से बने व्यंजनों का वितरण किया गया । गौशाला में दो क्विंटल लापसी वितरित की गई। सेवा शिविर में गंगासिंह भाटी, भोमसिंह, कालूसिंह, गेनसिंह, अशोक दुबे, बंशीलाल विश्नोई, बाबूलाल, सूरजाराम, रमेश आदि ने सहयोग किया।
ठाकुरजी को तिल के पकवानों का भोग
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में ठाकुरजी के मंदिरों में तिल के पकवानों का भोग लगाया गया। ठाकुरजी के मंदिरों में आयोजित विशेष पूजन अनुष्ठानों के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रातानाडा स्थित कृष्ण मंदिर में ठाकुरजी का रंग बिरंगी पतंगों से शृंगार किया गया।
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में ठाकुरजी के मंदिरों में तिल के पकवानों का भोग लगाया गया। ठाकुरजी के मंदिरों में आयोजित विशेष पूजन अनुष्ठानों के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रातानाडा स्थित कृष्ण मंदिर में ठाकुरजी का रंग बिरंगी पतंगों से शृंगार किया गया।
तिल तिड़क्या… सी भिड़क्या
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति से सूर्य का तेज तिल तिल बढऩे से सर्दी का असर कम होने लगता है। सूर्य के उत्तरायण में आने के बाद दिन की अवधि बढऩी शुरू हो जाती है। सर्दी से घबराहट की मानसिकता को दूर करने के लिए मारवाड़ में तिल तिड़क्या… सी भिड़क्या जैसी कहावत प्रचलित है।
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति से सूर्य का तेज तिल तिल बढऩे से सर्दी का असर कम होने लगता है। सूर्य के उत्तरायण में आने के बाद दिन की अवधि बढऩी शुरू हो जाती है। सर्दी से घबराहट की मानसिकता को दूर करने के लिए मारवाड़ में तिल तिड़क्या… सी भिड़क्या जैसी कहावत प्रचलित है।